इस दौरान पूरे देश से पहुंचे 350 से अधिक कार्यकारिणी सदस्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रिय मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा, रागी आदि) से बने व्यंजनों को परोसा गया। इसमें बाजरे से बनी रोटी से लेकर मिठाई तक सब कुछ शामिल था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री खाने के इस आयोजन से संतुष्ट नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को ‘बाजरा वर्ष’ घोषित किया है। इसे देखते हुए बाजरे सहित मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए इनसे बने व्यंजन परोसे जा रहे हैं जो प्रधानमंत्री के पसंदीदा हैं। बैठक के दूसरे दिन चाय के साथ मोटे अनाज से बना ‘अल्पाहार’ सदस्यों को परोसा गया।
दोपहर के भोजन में बाजरे से बने भोजन को प्रमुखता दी गई। इस दौरान छाछ के साथ बाजरा महेरी, सूप के साथ बाजरा महेरी, लाल लोबिया का सलाद, फाइबर दही बड़ा, बाजरा पापड़ी चाट, रागी इडली, चटनी और सांभर के साथ बाजरा खिचड़ी, कढ़ी के साथ बाजरे की खिचड़ी, ज्वार ढोकली, दाल के साथ पंचमेली, मेथी बाजरे का साग और ज्वार की रोटी परोसी गई।
इसके अलावा बाजरे की मेथी का परांठा, ज्वार की रोटी, जौ व चना का परांठा भी परोसा गया। साथ ही पारंपरिक तरीके से बाजरे की खीर और सामक की फिरनी भी बनाई गई। सूत्रों का कहना है कि खाने के इस इंतजाम से प्रधानमंत्री तो बहुत संतुष्ट नजर आए ही, पूरे देश से पहुंचे सदस्यों ने भी इन व्यंजनों का खूब लुत्फ उठाया।
एनडीएमसी सम्मेलन केंद्र में आयोजित हुई भाजपा कार्यकारिणी बैठक के लिए बनाए गए मुख्य द्वार पर नरेंद्र मोदी सरकार की सांस्कृतिक और तकनीक पहलों को दर्शाया गया था। द्वार की बार्इं ओर गुजरात में बनी दुनिया की सबसे बड़ी वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’, कर्त्तव्य पथ पर इंडिया गेट के पास लगाई गई सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, काशी विश्वनाथ गलियारे और करतार पुर गलियारे को प्रदर्शित किया गया था।
दाईं ओर, ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस विमान, वंदे भारत ट्रेन और आइएनएस विक्रांत को दिखाया गया था। कार्यकारिणी के पहले दिन सभी सदस्यों का स्वागत शहनाई और दक्षिण भारतीय संगीत से किया गया था। द्वार के पास ही शहनाई बजाई जा रही थी। यहां हरियाणा की संस्कृति भी देखने को मिली। हरियाणवी महिलाओं ने सभी सदस्यों का स्वागत किया।