केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पिछले काफी समय में अपनी आर्थिक नीतियों से लेकर विदेश मामलों की नीतियों पर घिरी रही है। इन सभी मसलों पर विपक्ष ने एनडीए सरकार पर जबरदस्त हमले बोले हैं। हालांकि, विपक्ष ही नहीं भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी खुली जुबान से मोदी सरकार की वैश्विक नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान और चीन को लेकर केंद्र की नीतियों में दूरदर्शिता की कमी बताई थी। अब स्वामी ने अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर भी हमला बोला है। उन्होंने साफ किया है कि पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में अहम योगदान करने का मौका गंवा दिया है।
क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी?: भाजपा सांसद ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर कहा, “अमेरिकी वहां थकने लगे थे। वे वियतनाम में भी थक गए थे। मैं उन्हें दोष नहीं देता, उनके कई सारे लोगों की जान गई थी। इसलिए उन्होंने हमें आगे आने के लिए कहा। हमने पहले ही अफगानिस्तान में कई काम कर चुके हैं। उनकी संसद बनाई, उनकी लाइब्रेरी बनाईं, यूनिवर्सिटी बनाईं, इसलिए अफगानी लोग भारत के लिए दिल से काफी करीबी महसूस करते हैं।”
स्वामी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आगे कहा, “अफगानिस्तान की सरकार में राष्ट्रपतियों ने भी भारत की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थीं। वहां की स्वायत्त महिलाएं भी भारत के म्यूजिक को काफी पसंद करती हैं। ये लोग चाहते थे कि भारत अफगानिस्तान में बड़ी भूमिका निभाए। लेकिन यूपीए और इसके बाद पीएम मोदी अफगानिस्तान में कोई भूमिका न निभाने के लिए लगातार अड़े दिखाई दिए। हमने वहां योगदान देने का एक बड़ा मौका गंवा दिया है।
मोदी को लग गई नेहरु की बीमारी: सुब्रमण्यम स्वामी ने इसी इंटरव्यू में केंद्र सरकार की विदेश नीतियों पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि आज हम सामरिक रूप से काफी निराशाजनक स्थिति में हैं। चीन और पाकिस्तान साथ आ चुके हैं। स्वामी ने दावा किया कि अमेरिका भी हमसे खफा है क्योंकि हम यह साफ़ नहीं कर पा रहे हैं कि हम चीन को लेकर उसके रुख के साथ हैं या दोनों के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं। यही बीमारी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी थी। इसलिए लगता है कि उनकी बीमारी ने प्रधानमंत्री मोदी के शरीर पर भी हमला कर दिया है।