J&K, LAC पर पाकिस्तान और चीन कर रहे ‘आघात’, मोदी के मंत्री ने अलापा शांति राग, कहा- विदेशी जमीन में नहीं है दिलचस्पी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में वर्चुअल जनसंवाद रैली को संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में यकीन करता हैं।

केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा है कि हमें पाकिस्तान या चीन की जमीन में कोई दिलचस्पी नहीं हैं हम शांति और सौहार्द चाहते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में वर्चुअल जनसंवाद रैली को संबोधित कर रहे थे।
मोदी सरकार के मंत्री का शांति का यह राग ऐसे समय पर अलापा है जब चीन एलएसी और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में यकीन करता हैं। भारत विस्तारवादी होकर मजबूत नहीं होना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों की जमीन को हथियाने का कभी प्रयास नहीं किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत और दुनिया के अन्य देशों के लोग कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने में जुटे हुए, ऐसे में यह महामारी ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक मुझे सूचना मिली है, मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि जल्द ही टीका विकसित कर लिया जाएगा। एक बार टीका विकसित होने के बाद हमें इस संकट का डर नहीं होगा।’’
गडकरी ने कहा कि भारत को ना तो पाकिस्तान और ना ही चीन की जमीन में दिलचस्पी है. समस्त भारत शांति, सौहार्द, प्यार और मिलकर (अपने पड़ोसियों के साथ) काम करना चाहता है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर गडकरी ने कहा कि इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि आंतरिक और बाहरी मुद्दों से निपटते हुए देश में शांति कायम करना रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ … माओवादी समस्या पर लगभग जीत हासिल करना हो या पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से देश की रक्षा करना…सीमा के एक ओर चीन है तो दूसरी ओर पाकिस्तान। हम शांति चाहते हैं, हिंसा नहीं।’’ नागपुर के सांसद ने मराठी उपन्यासकार शिवाजी सावंत के उपन्यास ‘मृत्युंजय’ का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा केवल ताकतवर ही स्थापित कर सकते हैं, कमजोर नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम विस्तारवादी बनकर भारत को मजबूत नहीं बनाएंगे। हम शांति स्थापित कर भारत को मजूबत बनाना चाहते हैं। हमने कभी भी भूटान की जमीन कब्जाने की कोशिश नहीं की। हमारे देश ने युद्ध (1971 पाकिस्तान के साथ) जीतने के बाद शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाया और उसके बाद हमारे सैनिक लौट आए।’’