scorecardresearch

पूर्वोत्तर में जीत के बाद 2024 के आम चुनाव के लिए भाजपा की निगाह दक्षिणी राज्यों पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में पार्टी के विजयी होने का विश्वास प्रकट किया है।

pm modi| mann ki baat|
पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो सोर्स: @narendramodi)

भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास दक्षिणी राज्यों से लोकसभा में महज 29 सदस्य ही हैं, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में हालिया विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के बाद इसकी निगाह दक्षिणी राज्यों की 129 संसदीय सीट में अधिक से अधिक जीतने पर टिकी हैं।

हाल में हुए चुनाव में पूर्वोत्तर में मिली शानदार सफलता और कुछ दक्षिणी राज्यों में 2019 व 2024 के बीच राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव से भाजपा उत्साहित है तथा लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर राजग के आरूढ़ होने की अपनी कोशिश के तहत उसकी निगाह दक्षिण के वोटों पर है। भाजपा-शासित कर्नाटक और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) शासित तेलंगाना में इस साल के अंत में जो विधानसभा चुनाव होंगे, उससे इसका संकेत मिल जाएगा कि दक्षिण में कमल के खिलने के लिए माहौल अनूकूल है या नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में पार्टी के विजयी होने का विश्वास प्रकट किया है, जहां भाजपा से एक सांसद एवं एक विधायक है। पार्टी तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के लिए एक चुनौती बनकर उभरी है।

वह हाल के दो-तीन विधानसभा उपुचनावों में विजयी हुई और उसने 2020 के हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में उम्दा प्रदर्शन किया। इससे 2024 के चुनाव में ताकतवर बीआरएस को टक्कर देने का पार्टी का मनोबल बढ़ा है। संयोग से, राव भी केंद्र से भाजपा सरकार को 2014 में अपदस्थ करने की कोशिश में जुट गए हैं।

उधर, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को एक ऐसे नेता के रूप में पेश किया जा रहा है जो भाजपा को चुनौती देने के लिए गैर-भाजपा मतों को एकजुट कर सकते हैं। वर्तमान में लोकसभा में भाजपा के पास दक्षिण से जो 29 सीट हैं, वे सभी उसके शासित कर्नाटक और बीआरएस शासित तेलंगाना से हैं।

भाजपा ने 2019 में कर्नाटक में 28 में से 25 लोकसभा सीट जीती थी और मांड्या में उसके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने भी बाजी मारी थी। तेलंगाना से चार सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे, लेकिन तमिलनाडु, केरल एवं आंध्र प्रदेश से इस सदन में भाजपा का कोई प्रतिनिधि नहीं है। इन तीनों राज्यों में क्रमश: द्रमुक, कांग्रेस एवं वाईएससीआरसीपी सत्तासीन हैं। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं को विश्वास है कि द्रविड़ राजनीतिक के केंद्र तमिलनाडु में चीजें भाजपा के पक्ष में जाने लगी हैं।

उदाहरण के तौर पर पार्टी नेता बताते हैं कि 2021 के विधानसभा चुनाव में द्रमुक लहर के बावजूद भाजपा ने चार निर्वाचन क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी। उनमें एक तो इरोड जिले में है, जो द्रविड़ आंदोलन के बड़े एवं तर्कवादी नेता ईवी रामसामी पेरियार का जन्मस्थल है। पार्टी की प्रदेश इकाई ने 2024 के आम चुनाव में 15 सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

भाजपा महसूस करती है कि तमिलनाडु में 2024 के लोकसभा चुनाव पहले के चुनाव से भिन्न होंगे। अन्यत्र, भाजपा कर्नाटक के बाद तेलंगाना को अगले एक ऐसे राज्य में रूप में देखती है, जहां उसे लगता है कि राज्य की सत्ता में उसके आने की संभावना है।

पढें राष्ट्रीय (National News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.

First published on: 08-03-2023 at 00:52 IST
अपडेट