बिहार में हार से हरियाणा में बढ़ी हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत के बाद हरियाणा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आने के बाद खासतौर से कांग्रेसियों ने पटाखे फोड़े और दीपमालाएं जलाईं।

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत के बाद हरियाणा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आने के बाद खासतौर से कांग्रेसियों ने पटाखे फोड़े और दीपमालाएं जलाईं। बिहार में मोदी व शाह की जबरदस्त शिकस्त ने प्रदेश भाजपा के भीतर भी कई दिग्गज नेताओं की उम्मीदों को पंख लगा दिए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिले जबरदस्त जनसमर्थन के बाद हरियाणा में राजनीति गतिविधियां तेज हो गई हैं।
इस हार से कांग्रेस और विपक्षी दलों की बांछे खिलना तो सही है पर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के चेहरों पर आई खुशी छिपाए नहीं छिप रही। अभी तक इन नेताओं की जबान नहीं खुल रही थी पर आगे भी ऐसा रहेगा, कहा नहीं जा सकता। किसानों के मसीहा चौधरी छोटू राम के नाती बिरेंद्र सिंह, अहीरवाल के एकछत्र नेता राव वीरेंद्र सिंह के बेटे राव इंद्रजीत सिंह ने और चौधरी बंसीलाल के सामने चुनौती खड़ी करने वाले धर्मबीर ने कांग्रेस को छोड़कर कर हरियाणा में भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए माहौल बनाया था। कांग्रेस से किनारा कर आए नेताओं ने ही हरियाणा में भाजपा के लिए जमीन तैयार की थी। इन्हीं की बदौलत भाजपा अपने बूते पहली बार प्रदेश में सत्ता में आई थी।
जाट गैर जाट के नारे पर चुनाव लड़ी पार्टी को तब लोगों ने राव इंद्रजीत सिंह या रामबिलास शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए भाजपा को बहुमत दिया था। पर बहुमत मिलने के बाद ही मोदी और शाह ने सबको किनारे कर मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना दिया था। मोदी और शाह के जलवे के आगे किसी ने भी ना नुकुर नहीं की। अब इनमें उम्मीद और हौसला जगा है।
उधर, अर्से बाद कांग्रेसियों के चेहरे पर खुशी दिख रही है। ब्लॉक स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के नेता दिवाली की खुशियां एक दूसरे से बांट रहे हैं। हालांकि सरकार में और मुख्यमंत्री कार्यालय में फेरबदल होने की अटकलें तेज हैं। वैसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अभी तक निश्चिंत है पर बिहार में शमर्नाक हार को देखते हुए उन्होंने दिवाली के तोहफे नहीं लेने का एलान कर दिया है। उन्होंने अपने निवास के बाहर बाकायदा बड़ी सी होर्डिंग लगाकर लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं तो दी हैं पर लोगों से तोहफे नहीं लाने की गुजारिश की है।
कांग्रेस उत्साहित है और वे पहले के मुकाबले धनतेरस से ही अपने घरों पर दीए जलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि कांग्रेस वाले जानबूझ कर दीप माला जलाकर और पटाखे फोड़कर भाजपा के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।