5th Ramnath Goenka Memorial Lecture: पिछले कुछ समय से विश्व भारी उधल-पुथल से जूझ रहा है। कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध की दुनिया में दोहरी मार पड़ी है। ऐसे में दुनिया भर में सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दूरी को कम करने के लिए जो चुनौती आज सामने हैं, इससे पहले कभी नहीं देखी गई। बिल गेट्स के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती है।
दुनिया के शीर्ष बिजनेसमैन में शामिल बिल गेट्स बुधवार शाम को 5वें रामनाथ गोयनका स्मारक व्याख्यान (5th Ramnath Goenka Memorial Lecture ) में शामिल हुए। यहां उन्होंने “Creating an Equal World: The Power of Innovation,” विषय पर अपने विचार रखे। व्याख्यान के बाद बिल गेट्स ने द इंडियन एक्सप्रेस के कार्यकारी निदेशक अनंत गोयनका के साथ बातचीत भी की। लेखक, निवेशक, प्रौद्योगिकी संस्थापक और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष और ट्रस्टी, बिल गेट्स ऐसे समय में इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं, जब हाल ही में उनकी पुस्तक हाउ टू प्रिवेंट द नेक्स्ट पेंडेमिक (How to Prevent the Next Pandemic) रिलीज हुई है।
इस पुस्तक में टेक्नोलॉजी द्वारा वैक्सीन रिसर्च अगली स्वास्थ्य संबंधी चुनौती का अनुमान लगाने और उसका समाधान करने के लिए एक विस्तृत प्लान बताया गया है। बिल गेट्स ने अपनी किताब के लिए एक ब्लॉग में लिखा ‘आपदा कभी भी आ सकती है लेकिन महामारी वैकल्पिक हैं।’ उन्होंने लिखा कि वह एक ऐसे परिदृश्य की परिकल्पना करते हैं जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा प्रकोप का पता लगाया जाता है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जो दुनिया के सबसे गरीब देशों में भी प्रभावी ढंग से काम करती है।
उन्होंने कहा कि जब भी किसी बीमारी की ओर सरकार इशारा करती है तो क्वारंटीन और एंटी वायरल जैसे टूल्स से लोगों बचाने पर काम किया जाता है। अगर यह भी नाकाफी हो तो टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीकों के विकास पर काम शुरू किया जाता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से दुनियाभर में कम से कम 6.8 मिलियन लोगों की जान जा चुकी है। इसने गरीब देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है जहां टीकों की कमी रही।

गौरतलब है कि G-20 शिखर सम्मेलन में भारत की तीन स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में से एक यह भी है कि अगर दुनिया में एक और महामारी की स्थिति आती है तो सभी के लिए इस तरह से सुरक्षा उपाय जिनमें वैक्सीन और जरूर दवाईयां आदि उपलब्ध हों।
बिल गेट्स ने पहले 100 दिनों के दौरान महामारी को रोकने के लिए एक प्रभावी तरीकों पर बात की है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का कहना है कि वुहान से कोविड-19 के कारण पहली मौत के 12 दिनों के भीतर, उन्होंने खतरे से निपटने के लिए 5 मिलियन डॉलर के साथ इस पर काम शुरू कर दिया था।
महामारी के बाद पहला रामनाथ गोयनका व्याख्यान
महामारी के बाद यह पहला रामनाथ गोयनका व्याख्यान होगा। द इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) के संस्थापक रामनाथ गोयनका (Ramnath Goenka) के नाम पर व्याख्यान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिया गया था।