बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुस्लिम विधायकों द्वारा राष्ट्रगीत नहीं गाए जाने को लेकर सत्ताधारी एनडीए के ही दोनों बड़े दल जदयू और भाजपा में दोफाड़ हो गया है। जहां जदयू ने कहा कि जबरदस्ती राष्ट्रगीत गाने के लिए कहना गलत है तो वहीं भाजपा ने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाने में कोई आपत्ति नहीं है।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने विधानसभा में ओवैसी की पार्टी के विधायकों के द्वारा राष्ट्रगीत नहीं गाए जाने को लेकर कहा कि जो इस गीत को नहीं गाना चाहता है उसे जबरदस्ती गाने के लिए नहीं कहा जा सकता है। यह ठीक नहीं है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देशभक्ति को साबित करने के राष्ट्रीय गीत गाना जरूरी नहीं है। देशभक्ति के लिए सही कर्तव्य जरूरी है।
वहीं भाजपा नेता व पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने राष्ट्रगीत को लेकर जताई गई आपत्ति को गलत ठहराया और कहा कि विरोध करने वाले को यह बताना चाहिए कि इसमें क्या गलत है। साथ ही उन्होंने कहा कि वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगीत है और इसे राष्ट्रगान की तरह सम्मान दिया जाना चाहिए। इसमें कोई आपत्ति वाली बात नहीं है। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत से देश की अलग पहचान होती है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन वंदे मातरम से किया गया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायकों ने इसका विरोध किया और वंदे मातरम नहीं गाया। एआईएमआईएम विधायक दल के नेता अख्तरुल ईमान ने कहा कि संविधान में प्रेम और भाईचारा है। इसमें सभी धर्मों के सम्मान की बात कही गई है। इसलिए मैं वंदे मातरम नहीं गाता हूं और न ही गाऊंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यह जबरदस्ती थोपा जा रहा है। संविधान में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा गया है।
एआईएमआईएम विधायकों के आपत्ति जताने पर भाजपा विधायक संजय सिंह ने तो ओवैसी की पार्टी के विधायकों को देश छोड़ने तक के लिए कह दिया। भाजपा विधायक ने कहा कि इस देश में रहने वालों को राष्ट्रगीत गाना ही होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अपने पसंद के देशों में चले जाना चाहिए। वहीं बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने इस विवाद को लेकर कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत हमारे गौरव को बढ़ाता है।