आरक्षण पर सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं नीतीश-लालू: अमित शाह
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण समीक्षा के सुझाव को निशाने पर लेने के..

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण समीक्षा के सुझाव को निशाने पर लेने के प्रयासों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज लालू पर सफेद झूठ बोलने का आरोप लगाया। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी ने हमेशा आरक्षण नीति का समर्थन किया है और वह इसमें कोई बदलाव नहीं चाहती।
शाह ने बेगूसराय में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनसे कहा कि लालू के मंडल कार्ड से प्रभावी रूप से निबटने के लिए वे प्रत्येक घर में जाएं और आरक्षण के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को उजागर करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राजद नेता चुनाव के समय होने वाली चर्चा को विकास से आरक्षण की तरफ मोड़ना चाहते हैं।
शाह ने कहा, ‘‘नीतीश और लालू बहुत सयाने राजनीतिक नेता हैं। वे जानते हैं कि यदि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा गया तो उनकी हार एवं भाजपा की जीत पक्की है। लालू अब एक नये हथकंडे के साथ आए हैं कि यदि भाजपा सरकार बनती है तो वह आरक्षण खत्म कर देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि वह सफेद झूठ बोल रहे हैं। भाजपा आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें कोई बदलाव नहीं चाहती। हमारे कार्यकर्ता प्रत्येक घर में जाएंगे और यह बताएंगे। लालू एवं नीतीश लोगों को गुमराह करना चाहते हैं और लोगों को वास्तविक मुद्दे से दूर ले जाना चाहते हैं। भाजपा दलितों एवं पिछड़ों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
नीतीश एवं लालू, दोनों ने आरक्षण की समीक्षा करने के भागवत के हालिया सुझाव को तुरंत मुद्दा बनाते हुए इस बात की आशंका जतानी शुरू कर दी थी कि सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों एवं दलितों का आरक्षण समाप्त करने के आसार हैं।
आरएसएस के मुखपत्रों पांचजन्य एवं ऑर्गेनाइजर में भागवत के साक्षात्कार में की गयी इस टिप्पणी से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। भाजपा एवं मोदी सरकार ने इस टिप्पणी से सार्वजनिक तौर पर अपने को अलग कर लिया।
जातीय टिप्पणी करने को लेकर लालू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी है। किन्तु इससे अप्रभावित हुए बिना लालू ने आज भी कहा कि वह फांसी पर लटकने को तैयार हैं लेकिन वह भाजपा एवं आरएसएस को पिछड़ों एवं दलितों के लिए आरक्षण खत्म नहीं करने देंगे। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार चुनाव में राजद प्रमुख के लिए मंडल राजनीति उनके एजेंडा में सर्वोपरि रहेगी।
लालू ने पटना में कहा, ‘‘मैं फांसी पर लटकने को तैयार हूं लेकिन भाजपा एवं आरएसएस को आरक्षण खत्म नहीं करने दूंगा।’’ उन्हें राज्य में पिछड़ी जातियों का अगुवा नेता माना जाता है।
बिहार में आरक्षण एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। मंडल आयोग की रिपोर्ट लिखने वाले बी पी मंडल भी इसी राज्य के थे। जातीय आधार पर स्पष्ट ध्रुवीकरण के जरिये लालू एवं उनकी पार्टी को राज्य में लगातार 15 साल तक सत्ता में बने रहने में मदद मिली।
भाजपा प्रमुख ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि सभी छद्म धर्मनिरपेक्षवादी तत्व उनसे लड़ने के लिए एक जुट हो गए हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह पार्टी की जीत के लिए एकजुट होकर काम करें क्योंकि बिहार चुनाव से राष्ट्रीय राजनीति की दिशा तय होगी।
शाह का यह आह्वान ऐसे समय में आया है जबकि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में असंतोष के कई स्वर उठे हैं तथा आरा से भाजपा सांसद आर के सिंह ने अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रमुख ने कहा ‘‘इस बार भूल जाइये कि किसे टिकट मिला और किसे नहीं…आपको सभी आकांक्षाएं छोड़ देनी चाहिएं तथा पार्टी की जीत के लक्ष्य के लिए काम करना चाहिए।’’
लालू को आड़े हाथ लेते हुए शाह ने कहा कि राजद प्रमुख ने अपना चुनाव प्रचार की शुरुआत अपने पुत्र तेजस्वी यादव के चुनाव क्षेत्र से की, जबकि इस सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना है। उन्होंने कहा कि सत्ता में वापस आने पर विकास करने का नीतीश का दावा लालू एवं कांग्रेस की संगत में मरीचिका है। उन्होंने कहा कि लालू का कार्यकाल जंगल राज के रूप में जाना जाता था तथा कांग्रेस करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में संलग्न रही।