केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम 29 सितंबर को पहुंचेगी बिहार, 1 अक्टूबर को करेगी ब्रीफिंग
साल 2000 में भाजपा को 14.6 फीसदी वोट हासिल हुए। जदयू को 6.5 फीसदी। राजद को 28.3 फीसदी और कांग्रेस को 11.1 प्रतिशत। वर्ष 2010 में भाजपा को 16.5 प्रतिशत, जदयू को 22.6 प्रतिशत, लोजपा को 6.7 फीसदी, राजद को 18.8 प्रतिशत और कांग्रेस को 8.4 फीसदी मत हासिल हुए थे।

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग की टीम मंगलवार को राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर आएगी। सात सदस्यों वाली टीम में आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा, उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन, पीआइबी के अपर महानिदेशक शेफाली बी शरण, चंद्र भूषण कुमार, आशीष कुंद्रा, स्वीप के निदेशक शरद चंद्र और निदेशक (व्यय) पंकज श्रीवास्तव शामिल होंगे। पटना पहुंचने के बाद मंगलवार को ही आयोग की टीम मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और पुलिस के नोडल पदाधिकारियों के साथ बैठक करेगी। टीम बुधवार को सुबह 10 बजे से राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करेगी। इसके बाद इनफोर्समेंट एजेंसी और दोपहर 3 बजे सभी जिला निर्वाचन पदादिकारी और 26 जिलों के एसपी-एसएसपी के साथ बैठक होगी। चुनाव आयोग की टीम गुरुवार को शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद दिल्ली वापस लौट जाएगी।
इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA ने सीट शेयरिंग पर अपना फॉर्म्युला बना लिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली JD(U) ने अधिक सीटें मांगीं हों, पर बंटवारा कुछ हद साल 2010 जैसे किए जाने की बात कही है।
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बिहार चुनाव से ऐन पहले गठजोड़ को लेकर सियासी दलों में हलचलें तेज हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि बड़े दलों के पास अपने दम पर बहुमत जुटाने का जनाधार नहीं है। अगर वे खुद के बलबूते चुनाव लड़ेंगे, तो सरकार नहीं बना पाएंगे। ये बातें हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि साल 1990 के बाद बिहार के करीब सात विस चुनावों के परिणाम संकेत देते हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिला प्रशासन के अधीन आने वाले सभी सरकारी कार्यालय अवकाश के दिनों में भी खुले रहेंगे। इस संबंध में बैठक के बाद पटना के डीएम कुमार रवि ने आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालय नियमित कार्य दिवस की तरह अपने कार्यों को करेंगे।
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य पहुंची कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के साथ फीडबैक तैयार किया। स्क्रीनिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट को आलाकमान को सौंपेगी। सीटों की संख्या निर्धारित नहीं होने से स्क्रीनिंग कमेटी के सामने सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के संभावित प्रत्याशियों ने दावेदारी पेश की।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू ने पार्टी के छह नेताओं अपने चुनावी अभियान की खास जिम्मेदारी दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह, आरसीपी सिंह, विजय चौधरी, वशिष्ठ नारायण सिंह, अशोक चौधरी व संजय झा को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने सोमवार को विपक्ष पर जमकर हमला बोला। यादव ने किसी का नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। लेकिन, विपक्षी दलों को बिसात पर खड़े करने लिए मोहरे नहीं मिल रहे। वे लोग वे जुगाड़ टेक्नोलॉजी में लगे हैं और इसके सुरमाओं के भरोसे जंग फतह का सपना देख रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 30 सितंबर से तीन अक्टूबर के बीच एनडीए अपने कैंडिडेट्स का ऐलान कर सकता है। बता दें कि साल 2010 में जदयू 141 और भाजपा ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था। नीतीश की पार्टी तब 115, भाजपा 91 और आरजेडी तब 22 सीटें जीती थी।
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार महिला सशक्तीकरण देखने को मिलेगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह पटना डीएम के आदेश पर जिले में 277 महिला बूथ बनाये जाएंगे। यहां पर महिला कर्मियों को तैनात किया जाएगा। जानकारी के अनुसार इन बूथों पर 1,108 महिला मतदान कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। हम पार्टी का कहना है कि कौन कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगा, एक अक्तूबर को इसकी घोषणा हो सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने सीएम को सीटों की लिस्ट सौंप दी है।
भाजपा के युवा सांसद और यूथ भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या चुनावी कार्यक्रम के तहत बिहार पहुंचेगे। वहीं बिहार आगमन से पहले उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। बिहार में युवाओं को एकजुट करने भाजपा के केंद्र नेतृत्व ने अब पार्टी के युवा मोर्चा के नवनियुक्त अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को मैदान में उतारा है।
लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) ने रविवार को कहा कि इसके संस्थापक शरद यादव बिहार में विपक्षी गठबंधन को सत्ता में लाने के लिये काम करेंगे। पार्टी ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार से उनके हाथ मिलाने के बारे में अटकलों को ‘अफवाह’ बताते हुए खारिज कर दिया और इसे ‘‘पूरी तरह से झूठा एवं बेबुनियाद’’ बताया।
देशभर के कई धरोहर प्रेमियों ने सरकार से सदियों पुराने पटना कलेक्ट्रेट को ध्वस्त ना करने की अपील करते हुए कहा कि इस पर अधिक ध्यान देने से सरकार को ‘राजस्व हासिल’ करने में मदद मिल सकती है। इसके अधिकतर हिस्सों का निर्माण डच युग में किया गया था। बिहार की राजधानी में बने इस ऐतिहासिक स्थल का भाग्य फिलहाल अधर में लटका है। पटना से वडोदरा और दिल्ली से कोलकाता तक के विशेषज्ञों तथा आम लोगों ने सरकार से एक बार फिर गंगा नदी के किनारे स्थित प्रतिष्ठित परिसर को ध्वस्त नहीं करने की अपील की है। ‘विश्व पर्यटन दिवस’ यानी रविवार को इन लोगों ने सरकार से यह अपील की । विरासत पर काम करने वाले संगठन इनटैक की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 18 सितम्बर को पटना कलेक्ट्रेट को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके नए परिसर की आधारशिला रखी थी और राज्य के चुनाव से पहले अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया था लेकिन उसके दो दिन बाद शीर्ष अदालत ने इसे ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी।