ब्रिटिश कोर्ट में सीबीआई की बड़ी जीत- विजय माल्या को भारत ला सकेगी मोदी सरकार!
पिछले हफ्ते ही अगस्ता वेस्टलैंड के मामले से जुड़ेे दलाल मिशेल का यूएई से भारत प्रत्यर्पण हुआ है।

बैंकों से लिए हजारों करोड़ रुपये का लोन न चुकाने के आरोपी विजय माल्या को ब्रिटेन की हाई कोर्ट में तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया है। माल्या फिलहाल लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। माल्या के पास फिलहाल ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है। वहीं, माल्या के प्रत्यर्पण का मामला अब यूके के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट के पास भेज दिया गया है। वह अगर मंजूरी दे देते हैं तो माल्या को भारत लाने का रास्ता तुरंत साफ हो जाएगा वर्ना माल्या को कोर्ट में अपील करने का मौका मिलेगा।
माल्या ने हाल ही में कहा था कि वह लोन का मूलधन चुकाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बैंकों से यह रकम कबूल करने की अपील भी की थी। बता दें कि हाल ही में भारत सरकार को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली थी, जब अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने के आरोपी मिशेल को भारत लाने में कामयाबी मिली थी।
ब्रिटिश कोर्ट के फैसले को मोदी सरकार के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। मिशेल के यूएई से भारत प्रत्यर्पण के बाद अब माल्या को देश लाने की दिशा में भी बड़ी कामयाबी मिली है। मिशेल के प्रत्यर्पण का जिक्र नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा में भी किया था। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि माल्या का प्रत्यर्पण लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाजपा के प्रचार का बड़ा मुद्दा बनेगा। अारबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे की खबर को भाजपा के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन इसी के थोड़ी देर बाद आई माल्या के प्रत्यर्पण की खबर ने जरूर उन्हें राहत दी है।
ब्रिटिश कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ तीन आरोप तय किए। ये हैं- साजिश करना, धोखाधड़ी करना और मनी लाउंड्रिंग। कोर्ट का मानना था कि विजय माल्या ने साजिशन भारत के लोगों के साथ धोखा किया है। जज ने कहा- हम विजय माल्या के प्रत्यर्पण की इजाजत देते हैं और मामले को ब्रिटिश होम सेक्रेटरी के हवाले करते हैं। जज ने भारत की ओर से विजय माल्या पर लगाए गए आरोपों से सहमति जताई।
बता दें कि विजय माल्या के मामले की सुनवाई चीफ मजिस्ट्रेट जज एम्मा अर्बुथनॉट ने की। उन्होंने ही माल्या के प्रत्यर्पण पर अपना फैसला सुनाया। अब ये फैसला होम सेक्रेटरी साजिद जावेद के पास जाएगा, वही इस पर अपना फैसला सुनाएंगे। फिलहाल माल्या के पास बचने का एकमात्र रास्ता हाईकोर्ट में अपील करने का है। विजय माल्या केे प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से संयुक्त निदेशक और प्रवर्तन निदेशालय के दो अधिकारी भी कोर्ट में उपस्थित थे। माल्या पर धोखाधड़ी और 13 भारतीय बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपया लेकर विदेश भागने का आरोप है। इसी मामले में माल्या को अप्रैल 2017 में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल माल्या जमानत पर चल रहा था।
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