Rahul Gandhi Lal Chowk: भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान श्रीनगर के लाल चौक (Chowk in Srinagar) पर कांग्रेस (Congress) के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार (29 जनवरी, 2023) को तिरंगा फहराया। इस दौरान उनके साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी और कई सीनियर कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। इससे पहले कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के समापन दिवस पर लाल चौक पर नहीं, बल्कि श्रीनगर में अपने मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की जम्मू-कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल ने मंगलवार को कहा था कि लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना ‘आरएसएस के एजेंडे’ का हिस्सा है। अब राहुल गांधी के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या आरएसएस के एजेंडे में कांग्रेस फंस गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी को 30 जनवरी को PCC कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराना था, क्योंकि कहीं और ध्वजारोहण की अनुमति नहीं दी गई थी। कल शाम राज्य प्रशासन ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने की अनुमति दी, इस शर्त के साथ कि 29 तारीख़ को ही भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) की समाप्ति पर यह कार्यक्रम हो।
रमेश ने लिखा कि 75 साल पहले, भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल चौक पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा पूरी होने के बाद आज दोपहर राहुल गांधी ने श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
1948 में नेहरू ने पहली बार लाल चौक पर फहराया था तिरंगा
बता दें, नेहरू ने पहली बार 1948 में लाल चौक पर तिरंगा फहराया था, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने उनके साथ गठबंधन की घोषणा की थी। उस समय लाल चौक पर एक रैली में नेहरू ने कश्मीर के लोगों को “आत्मनिर्णय के अधिकार” का वादा किया था।
1992 में पीएम मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था
31 साल पहले मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 26 जनवरी 1992 को लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। साल 1992 में नरेंद्र मोदी बीजेपी के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी की टीम का हिस्सा थे। मुरली मनोहर जोशी के साथ तब नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।