Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया। कांग्रेस द्वारा लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को ‘आरएसएस’ के एजेंडे का हिस्सा कहने के एक हफ्ते बाद अचानक कांग्रेस ने अपनी योजना में बदलाव किया, क्योंकि कांग्रेस ने पहले श्रीनगर के कांग्रेस कार्यालय में तिरंगा फहराने की बात कही थी।
अगर लाल चौक (Lal Chowk) पर पहली बार तिरंगा फहराने की बात करें तो 75 साल पहले 1948 में पंडित जवाहर लाल नेहरू (Nehru) ने तिरंगा फहराया था, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने उनके साथ गठबंधन की घोषणा की थी। उस समय लाल चौक पर एक रैली में नेहरू ने कश्मीर के लोगों को “आत्मनिर्णय के अधिकार” का वादा किया था।
वहीं 31 साल पहले मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 26 जनवरी 1992 को लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। साल 1992 में नरेंद्र मोदी बीजेपी के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी की टीम का हिस्सा थे।
लाल चौक पर तिरंगा फहराकर आज भारत से किया वादा पूरा किया: राहुल गांधी
श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लाल चौक पर तिरंगा फहराकर आज भारत से किया वादा पूरा किया। नफरत हारेगी, प्यार हमेशा जीतेगा। भारत में आशा का एक नया सवेरा होगा।’ राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए एक अन्य ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से सवाल किया, ‘आज, कश्मीरी पंडित भाजपा सरकार से पूछ रहे हैं – हमारा राजनीतिक इस्तेमाल करने के अलावा आपने हमारे लिए किया ही क्या है? जवाब है, प्रधानमंत्री जी?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘राहुल गांधी को 30 जनवरी को PCC कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराना था, क्योंकि कहीं और ध्वजारोहण की अनुमति नहीं दी गई थी। कल शाम राज्य प्रशासन ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने की अनुमति दी, इस शर्त के साथ कि 29 तारीख़ को ही भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति पर यह कार्यक्रम हो।
पिछले हफ्ते कांग्रेस सांसद और जम्मू-कश्मीर की प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा था कि राहुल गांधी 30 जनवरी को श्रीनगर में कांग्रेस मुख्यालय में तिरंगा फहराएंगे न कि लाल चौक पर, क्योंकि तिरंगे को वहां फहराना “आरएसएस” का एजेंडा है।