आइएएस अधिकारी डीके रवि के परिवार ने बुधवार को अचानक राज्य सचिवालय विधानसौध पर धरना दिया और रवि की रहस्यमय मौत की घटना की सीबीआइ जांच की मांग की। हालांकि सरकार का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला है। रवि के पिता करियप्पा, मां गौरम्मा और भाई रमेश ने विधानसौध के सामने धरना दिया और धमकी दी कि यदि (सीबीआइ जांच की) उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे। पहले से परेशान प्रशासन पर इस धमकी से दबाव बढ़ गया है।
गौरम्मा ने कहा, ‘हम बस सीबीआइ जांच चाहते हैं। हम न्याय चाहते हैं।’ उनके साथ उनके पति करियप्पा और बेटे रमेश थे। परिवार ने रवि पर राजनीतिक दबाव पड़ने का संकेत दिया। रवि (35) सोमवार की शाम को यहां एक फ्लैट में फांसी के फंदे पर लटकते हुए मिले थे। गौरम्मा ने कहा, ‘हम किसी से नहीं मिलना चाहते, हम न्याय चाहते हैं और यदि वे हमें न्याय नहीं देंगे तो हम यहां आत्महत्या कर लेंगे।’
रमेश ने कहा, ‘यह आत्महत्या नहीं है। मुझे हत्या का मामला होने का संदेह है। हम नहीं जानते कि किसने उन्हें मार डाला होगा, इसलिए जांच सीबीआइ को सौंपी जाएं, केवल तभी हमें इसके पीछे की सच्चाई मालूम होगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा आंदोलन जारी रहेगा, हमने कह दिया है कि यदि हमें न्याय नहीं मिला तो हमारा परिवार आत्महत्या कर लेगा।’
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उधर, विधानसभा में विपक्ष ने सीबीआइ जांच की मांग करते हुए दूसरे दिन भी सरकार पर दबाव बनाए रखा हालांकि सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि घटना की सीआइडी जांच होगी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा और जनता दल (सेकु) के सदस्य सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। उन्होंने सरकार पर मामले को रफा दफा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा के बाहर कहा, ‘यह ऐसा मामला नहीं है जिसे सीबीआइ को सौंपा जाए।’ इस बीच, इस मामले की जांच सीआइडी को सौंपने के अगले दिन सरकार ने सीआइडी के आइजीपी प्रणब मोहंती का तबादला कर दिया और उनके स्थान पर सीएच प्रताप रेड्डी को लाया गया। मोहंती कर्नाटक लोकायुक्त के आइजीपी बनाए गए हैंं।
राज्य भर में आक्रोश पैदा करने वाले मामले में सीबीआइ जांच का आदेश देने को लेकर विपक्ष और जनता के दबाव का सामना कर रहे सिद्धारमैया ने कहा कि सीआइडी सचाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष और तेज जांच करेगी। लेकिन सरकार के रुख से नाखुश विपक्षी भाजपा के नेता जगदीश शेट्टार ने विधानसभा में आरोप लगाते हुए कहा, ‘मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है। केवल सीबीआइ मामले की सही जांच कर सकती है।’
विपक्षी भाजपा और जनता दल (सेकु) के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन जारी रहने की वजह से सदन की कार्यवाही दोपहर तक और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। 35 साल के अतिरिक्त वाणिज्यिक कर (प्रवर्तन) आयुक्त डीके रवि भूमि और रेत माफिया व कर चारों के खिलाफ कार्रवाई करने की वजह से काफी लोकप्रिय नौकरशाह थे और उन्हें धमकियां मिलने की बात कही जा रही थी। राज्य सरकार पुलिस द्वारा इसे आत्महत्या करार देने के लिए विपक्षी दलों और अन्य के निशाने पर आ गई है।
[caption id="attachment_21327" align="aligncenter" width="600"] आइएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कनार्टक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते उनके माता-पिता।[/caption]
गौरम्मा ने कहा, ‘मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की होगी। वह ऐसा नहीं था। वह मजबूत दिल का था। मेरा बेटा कायर नहीं था, मैंने एक ऐसे बेटे को जन्म नहीं दिया जो आत्महत्या करे।’ गमगीन गौरम्मा ने कहा, ‘वह इस देश का लाल था। मैंने देश का लाल खो दिया।’ रवि के भाई रमेश ने रोते हुए कहा, ‘मेरा छोटा भाई राजनीतिक दबाव की वजह से मारा गया। मुझे नहीं पता कि हमें न्याय मिलेगा भी या नहीं।’
आइएएस अधिकारी के ससुर हनुमानथरयप्पा ने घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है।
गौड़ा कर्नाटक के भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली में मिले और मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की। उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर मामले को ‘आत्महत्या’ जैसा दिखाकर ‘रफा दफा’ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
गृह मंत्री से मिलने के बाद रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘कर्नाटक के सभी भाजपा सांसदों ने गृह मंत्री से मुलाकात कर उनसे डीके रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराने के लिए कार्रवाई करने की अपील की। गृह मंत्री ने हमें भरोसा दिया कि वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे और घटना पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहेंगे।’