बदायूं गैंगरेप: पीड़ित परिवार से मिलने के बाद बोलीं महिला आयोग की सदस्य, “महिला शाम के वक्त घर से बाहर नहीं जाती तो शायद ऐसा नहीं होता”
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। कई लोगों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि देश की किसी भी महिला को कभी भी कहीं पर भी आने-जाने की आजादी है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी चंद्रमुखी देवी के बयान से असहमति जताई हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने बदायूं जिले में मंदिर गई एक महिला की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से गुरुवार को मुलाकात की और घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने वारदात के पीड़ित परिवार से उसके गांव जाकर मुलाकात की। चंद्रमुखी देवी ने कहा, “यह घटना सुनियोजित थी। महिला को फोन करके बुलाया गया था। अगर महिला शाम के समय नहीं जाती या परिवार के किसी बच्चे को साथ ले जाती तो ऐसा नहीं होता।” बुधवार देर रात बदायूं पहुची आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कांड की पूरी जानकारी हासिल की।
हालांकि राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य चंद्रमुखी देवी के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है। कई लोगों ने इसकी निंदा की है और कहा है कि देश की किसी भी महिला को कभी भी कहीं पर भी आने-जाने की आजादी है। उनकी सुरक्षा करना सरकार और समाज का कर्तव्य है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी अपने सहयोगी सदस्य चंद्रमुखी देवी के बयान से असहमति जताई हैं।
चंद्रमुखी देवी ने संवाददाताओं से कहा, “सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की वारदात जघन्य है और इस पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। सरकार ऐसे मामलों को लेकर बहुत सख्त है फिर भी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। मैं पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नही हूँ। अगर समय रहते कार्यवाही होती तो शायद महिला की जान बच जाती।”
उन्होंने कहा, “महिला बेहोशी की स्थिति में थी। उसको अगर इलाज मिल जाता तो वह बच जाती। घटना का मुकदमा दर्ज होने में बहुत देर की गई। इसके अलावा पोस्टमार्टम में भी विलंब हुआ।” चंद्रमुखी ने कहा, “किसी थाना प्रभारी को निलंबित करना काफी नहीं है। हमने एसएसपी से कहा है कि किसी दबाव में किसी को बख्शा नहीं जाना चाहिए। मिशन शक्ति और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों के बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इसका मतलब यह है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ नही है।”
गौरतलब है कि गत रविवार को बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिर गयी 50 वर्षीय एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजन ने मंदिर के महंत सत्य नारायण और उसके दो साथियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है। इस आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनमें से वेद राम और जसपाल को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया जबकि आरोपी महंत फरार है उसे गिरफ्तार करने के लिए चार टीमें गठित की गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदायूं की वारदात को गंभीरता से लेते हुए बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर मामले की जांच में स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जाए साथ ही दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में की जाए। इस मामले में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन थाना प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला से बलात्कार की पुष्टि हुई है उसके गुप्तांग में चोट तथा के पैर में फ्रैक्चर पाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक महिला की पसलियां टूटी हुई हैं और उसके गुप्तांग में किसी छड़नुमा चीज से भी चोट पहुंचाई गई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर यशपाल सिंह का कहना है कि महिला की मौत सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से हुई है। (भाषा से इनपुट के साथ)।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।