Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case Verdict Today: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में विवादित जमीन का हक रामलला को दिए जाने से मुस्लिम पक्ष संतुष्ट नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने पर विचार करने की बात कही है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलाने बोले, हम फैसले से सहमत नहीं हैं। हम इस फैसले को चुनौती देंगे। वहीं, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
शीर्ष अदालत ने विराजमान राम लला को विवादित जमीन का हक दे दिया है। अदालत ने सरकार को ट्रस्ट बनाकर तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण संबंधी नियम बनाने को कहा है। अदालत की तरफ से मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया है। सरकार के पास 62.7 एकड़ अधिग्रहित जमीन है।
सरकार चाहे तो अपने पास मौजूद अधिग्रहित जमीन में से ही हिस्सा दे सकती है। अदालत ने गोपाल सिंह विशारद को पूजा का हक दिया है। सरकार की तरफ से निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में भागीदारी दे सकती है।
निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक का अपना दावा खारिज होने का उसे कोई अफसोस नहीं है। निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है। इससे निर्मोही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है।