Ayodhya Case: कौन हैं राजीव धवन, जिन्होंने CJI के सामने कर दिए थे नक्शे के टुकड़-टुकड़े? जानें
वह 1943 में अविभाजित भारत में पैदा हुए थे। अब उनका जन्म स्थान पाकिस्तान में आता है। वह लीगल मामलों में काफी सक्रिय रहते हैं।

अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद को लेकर सुनवाई पूरी हो चुकी है। बुधवार को पांच जजों की बेंच ने इस केस में फैसला सुरक्षित रख लिया। 40वें दिन यानी अंतिम दिन सुनवाई के दौरान माहौल काफी तल्ख रहा। हिंदू महासभा के वकील की तरफ से पेश किया गया राम जन्मभूमि का नक्शा कोर्ट रूम में ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने फाड़ दिया। जैसे ही यह खबर सामने आई तो सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक इसकी चर्चा होने लगी। लोग उनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं कौन हैं राजीव धवनः
धवन, सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं और उन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई की है। वह इसके अलावा मानवाधिकार कार्यकर्ता और इंटरनेशनल कमिशन ऑफ ज्यूरिस्ट के कमिश्नर हैं। धवन की शुरुआती पढ़ाई लिखाई इलाहाबाद में हुई। 1992 में मंडल और फिर 1994 में अयोध्या मामले में उनकी जिरह से प्रभावित होकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील बनाया गया।
1943 में वह अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में पैदा हुए थे। कानूनी मामलों में काफी सक्रिय रहते हैं। जजों के बीच धवन की अच्छी साख है। जज उनके ज्ञान और जिरह के तरीकों के कायल हैं। उनके छोटे भाई पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। वह इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट के भी प्रोफेसर हैं।
राजीव के पिता शांति स्वरूप धवन न्यायाधीश, यूके में भारत के राजदूत, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लॉ कमीशन के सदस्य रह चुके हैं। धवन ने 1992 में वकालत शुरू की। उन्होंने कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ वकालत का काम सीखा था।
बता दें कि बुधवार को सुनवाई पूरी होने से पहले CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 17 अक्टूबर तक समाप्त होने वाले भूमि विवाद मामले में सभी दलीलें मांगी थी। सुनवाई खत्म होने के साथ ही अयोध्या प्रशासन ने 10 दिसंबर तक क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है।