राज्य सरकारें मोटर व्हीकल एक्ट में पहले से तय जुर्माने की रकम को कम नहीं कर सकतीं। इस संबंध में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि केंद्र को यह अधिकार है कि वो संसद द्वारा पास किये गये नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने का निर्देश राज्यों को दे। दरअसल सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसी साल सितंबर के महीने में कानून मंत्रालय से इस संबंध में राय मांगी थी। इसकी जरुरत इसलिए पड़ी थी क्योंकि गुजरात समेत कुछ अन्य राज्यों ने सड़क कानून के उल्लंघन पर लगने वाले जुर्माने को कम कर दिया था। यहां आपको याद दिला दें कि सरकार ने हाल ही में मोटर व्हीकर एक्ट के उल्लंघन के बाद जुर्माने को लेकर जो बदलाव किये थे वो बदलाव बीते 1 सितंबर से पूरे देश में लागू हुए थे।

नए कानून के तहत 24 ऐसे Compundable Offences का जिक्र किया गया था जिसके तहत स्पॉट पर ही जुर्माना वसूला जा सकता है यानी यातायात कानून तोड़ने वाले को कचहरी के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इनमें बीना सीट बेल्ट पहले गाड़ी चलना, बिना इंश्योरेंस की गाड़ी चलाना, आपातकालीन वाहनों के रास्तों को अवरुद्ध करना और रेस लगाने जैसे अपराध शामिल हैं। इन अलग-अलग तरह के अपराधों के लिए सरकार ने नए कानून में अधिकतम और न्यूनतम जुर्माना तय कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि यह बिल संसद द्वारा पास किया गया है, लिहाजा कोई भी राज्य इसके खिलाफ कोई दूसरा कानून पास नहीं कर सकता और ना ही जुर्माने को अपने मन मुताबिक फिक्स कर सकता है। ऐसा करने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति जरुरी है। के के वेणुगोपाल ने बताया है कि संविधान के आलेख-256 के तहत केंद्र सरकार राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर सकती है कि राज्य उसके द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करे। ‘Times Of India’ के मुताबिक एजी ने यह भी कहा है कि केंद्र के निर्देशों का पालन नहीं करने पर आलेख-356 के तहत केंद्र सरकार ऐक्शन भी ले सकती है।

आपको बता दें कि अभी तक देश के सिर्फ 8 राज्य – ओडिशा, असम, गुजरात, कर्नाटक, केरल, उत्तराखंड और मणिपुर ने मोटर व्हीकल एक्ट का पालन अपने राज्य में पूरे तरीके से किया है। जबकि गुजरात जैसे कुछ राज्यों ने ऐसा नहीं किया है। मोटर व्हीकर ऐक्ट के तहत बिना हेल्मेट बाइक चलाने पर कम से कम 1,000 रुपए का जुर्मान रखा गया है लेकिन गुजरात ने इस अपराध के लिए जुर्माने की राशि 500 रुपए फिक्स कर दी है। यहीं चार्ज सीट बेल्ट नहीं पहनने वालों पर भी अप्लाई किया गया है।