Assembly Election 2023: चुनाव आयोग (Election Commission) ने फेक न्यूज को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने बुधवार (18 जनवरी, 2023) को कहा कि फेक न्यूज फैलाने वाले भी नए-नए तरीके ढूंढते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार नया तरीका ईजाद किया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) कहा कि पिछले चुनाव में एक एक्सीपीरिंयस सामने आया था। एक कमरे में बूथ बनाकर एक वीडियो चलाई गई, जिसमें दिखाया गया कि ओल्ड एज के वोटरों का वोट कंप्रोमाइज हो गया। उनका वोट कोई और डाल रहा है, लेकिन जब इस मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि वो कोई और जगह थी।
स्टिकर पर लिखा होगा असेंबली नंबर
राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा कि फेक न्यूज को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने एक नया रास्ता निकाला है। उन्होंने कहा फेक न्यूज फैलाने वाले जैसै-जैसे नए तरीके ढूंढते हैं तो हम भी उनको काउंटर करते हैं। कुमार ने कहा कि अब जो भी कंपार्टमेंट सेट किए जाएंगे, उसमें स्टिकर के रूप में असेंबली नंबर भी लिखा रहेगा। इससे फेक न्यूज को फैलाने से रोका जा सकेगा।
बता दें, इलेक्शन कमीशन ने उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होगा, जबकि नागालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इन तीनों ही राज्यों के नतीजे 2 मार्च को घोषित कर दिए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन तीन राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं। तीनों राज्यों में कुल वोटर्स की संख्या 62.8 लाख है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 31.47 लाख है। तीनों राज्यों में पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या 1.76 लाख है, जबकि 80+ मतदाताओं की संख्या 97 हजार है।
31 अक्टूबर, 2022 में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा था कि फेक न्यूज से लड़ने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज (Fake News) को लेकर सख्ती बरतने से भरोसेमंद चुनावी परिणाम देखने को मिलेंगे जिससे स्वतंत्रता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
राजीव कुमार ने चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया मंच ये स्व-घोषणा करते हैं कि उनके यहां सामग्री को प्रदर्शित करने वाली नीतियां हैं, लेकिन उनके पास जो एल्गोरिदम शक्ति है, वो भी काम कर रही होती है। उन्होंने कहा था कि ईएमबी (चुनाव प्रबंधन निकायों) से ये अपेक्षा गैर-वाजिब नहीं है कि वे ज्ञात तौर-तरीकों वाली फेक न्यूज को ज्यादा मजबूती या शुरुआत में ही नियंत्रित करें।