Assembly Elections 2021 Dates HIGHLIGHTS: बंगाल में आठ फेजों में होगा मतदान, भाजपा ने जताई खुशी, विजयवर्गीय बोले- अब चुनाव में गड़बड़ियां रोकने पर ध्यान दे EC
ममता बनर्जी ने कहा कि दक्षिणी 24 परगना में हमारी पार्टी काफी मजबूत है और वहां मतदान तीन चरणों में कराना गलत है। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि क्या यह पीएम मोदी और अमित शाह की सहूलियत को ध्यान में रख कर किया गया है।

Assembly Elections 2021 Dates HIGHLIGHTS: Election Commission (EC) ने पश्चिम बंगाल समेत चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। मतदान की सबसे लंबी प्रक्रिया पश्चिम बंगाल में रहेगी, जहां आठ फेजों में वोटिंग होगी। इस पर जहां तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने विरोध जताया है, वहीं भाजपा के नेताओं ने ईसी के फैसले का बचाव किया है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि चुनाव आयोग को चुनाव की घोषणा के साथ ही पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए असामाजिक तत्वों पर भी लगाम लगाना होगी। साथ ही राज्य के हर जिले में निष्पक्ष अधिकारियों की भी नियुक्ति की जाए, ताकि चुनाव में कोई गड़बड़ी न हो सके।
इससे पहले ईसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि चुनावों में तैनात हर कर्मी को कोविड-19 का टीका लगाना होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि टीकाकरण से चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बना है और चुनाव ड्यूटी पर तैनात सभी लोगों को टीकाकरण अभियान के लिए अग्रिम मोर्चे का कर्मी (फ्रंटलाइन वर्कर्स) घोषित किया गया है।
अरोड़ा ने कहा कि चार राज्यों व केंद्र शासित पुडुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान करने के पात्र होंगे। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा।
इससे पहले चुनाव आयोग के बंगाल में आठ फेज में चुनाव कराने के फैसले पर ममता बनर्जी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दक्षिणी 24 परगना में हमारी पार्टी काफी मजबूत है और वहां मतदान तीन चरणों में होगा। मुख्यमंत्री ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि क्या यह पीएम मोदी और अमित शाह सहूलियत की को ध्यान में रख कर किया गया है। इसके अलावा ममता बनर्जी ने कहा कि हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वे बंगाल को भाजपा के नजरों से ना देखें।
Highlights
चुनाव आयोग के बंगाल में आठ फेज में चुनाव कराने के फैसले का जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया है। भाजपा ने कहा है कि उसे खुशी है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे और राज्यों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को बिना डर के इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। वहीं लेफ्ट पार्टी के नेता ने कहा कि चुनाव में फेजों की संख्या मायने नहीं रखती, अगर मतदान हिंसा मुक्त रहें तो।
ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा है कि उनको देश के लिए काम करना चाहिए। वह अपनी गलत शक्ति का इस्तेमाल यहाँ के चुनावों में नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा ममता ने कहा कि पीएम मोदी का बंगाल में स्वागत है लेकिन उनको भी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल बंगाल चुनाव को प्रभावित करने के लिए नहीं करना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनावी तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि चार राज्यों व केंद्र शासित पुडुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान करने के पात्र होंगे।
असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई, तमिलनाडु विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, पश्चिम बंगाल का 30 मई, केरल का एक जून और पुडुचेरी का आठ जून को पूरा हो रहा है।
चुनावी तिथियों की घोषणा के साथ ही सभी चुनावी राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में जबकि असम में तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक-एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा।
भाजपा ने निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह विकास के सकारात्मक और आत्मनिर्भर भारत के मुद्दों पर इन चुनावों में मतदाताओं
पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों द्वारा निर्वाचन आयोग की आलोचना के बीच दो पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने शुक्रवार को आयोग के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह निर्णय कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही लिया गया होगा।
माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि चरणों की संख्या बढ़ाने के बजाए चुनाव के दौरान सुरक्षा मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल सात या आठ चरण काफी नहीं हैं। मतदाताओं को किसी भी तरह के भय या धमकी से मुक्त होना चाहिए।
बंगाल कांग्रेस के नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि विधानसभा चुनाव कम से कम 10 से 12 चरणों में होने चाहिए थे। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने पहले देखा कि बंगाल में किस तरह से पंचायत चुनाव हुए हैं। पंचायत चुनाव में हिंसा के कारण कई लोग मारे गए। मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग तय करेगा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हों।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी माँ माटी मानुष के नारे के साथ सत्ता में आई। लेकिन राजनीतिक हितों के लिए उन्होंने इस नारे की बलि दे दी। राज्य में राजनीतिक हिंसा भी काफी बढ़ गयी। कानून व्यवस्था भी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। क्या ममता बनर्जी को इसपर ध्यान नहीं देना चाहिए?
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव कराए जाने की घोषणा पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि पिछली बार भी 6 चरणों में चुनाव हुए थे, 8 चरणों में चुनाव होने के लिए अगर कोई जवाबदेह है तो TMC और ममता जवाबदेह है। साथ ही प्रह्लाद पटेल ने कहा किअगर आम आदमी से पूछेंगे तो वो जश्न मना रहा होगा। भय और हिंसा से लोकतंत्र नहीं चलता।
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि हर बूथ में सेंट्रल फोर्स हो तभी निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव हो सकेगा। चुनाव आयोग भी इस दिशा में काम कर रहा है। भाजपा पूरी तरह तैयार है। संगठन नीचे तक मजबूत हुआ है। साथ ही दिलीप घोष ने कहा कि TMC के बहुत से दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हुए हैं और भी लोग आने वाले हैं
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने पर भाजपा नेता व पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि मैं चुनाव आयोग से अपेक्षा करता हूँ कि चुनाव शांतिपूर्ण हो। इसके लिए आप अतरिक्त बल के साथ अतिरिक्त अधिकारियों की भी नियुक्ति करें ताकि लोग निर्भीक होकर मतदान कर सकें।
चुनाव आयोग द्वारा 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि सभी राज्यों में कांग्रेस डट के मुकाबला करेगी। कांग्रेस पार्टी का प्रयास होगा कि हम पांचों राज्यों में चुनाव लडेंगे और अच्छा करेंगे। हमारा प्रयास होगा कि कांग्रेस की विजय हो जाए।
सुनील अरोड़ा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा। बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होगा। दूसरे चरण में 1 अप्रैल को मतदान होगा। तीसरा चरण- 6 अप्रैल, चौथा चरण- 10 अप्रैल, पांचवां चरण- 17 अप्रैल, छठा चरण- 6 अप्रैल, सातवां चरण- 26 अप्रैल और आठवां चरण- 29 अप्रैल को होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा "केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब यहां चुनाव केंद्रों की संख्या 40,771 होगी। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे अब 1,01,916 चुनाव केंद्र होंगे।"
सुनील अरोड़ा ने कहा "असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी। तमिलनाडु में 2016 विधानसभा चुनाव में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 होगी।"
सुनील अरोड़ा ने कहा "सभी 5 प्रदेशों में 824 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। 18 करोड़ से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगेअसम में 33 हजार मतदान केंद्र होंगे। तमिलनाडु में 66 हजार, बंगाल में एक लाख से ज्यादा मतदान केंद्र होंगे।" ईसी ने कहा कि सभी चुनाव अधिकारियों का टीकाकरण होगा। आयोग के अधिकारियों को वैक्सीन लगवाएंगे।
सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनावों के दौरान मतदाताओं की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। उन्होने बताया कि कोरोना वायरस के दौर में बिहार में चुनाव सफल रहा. वहां 57.34 फीसदी रिकॉर्ड मतदान हुआ।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सभी कोविड योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी। अरोड़ा ने कहा "सभी COVID योद्धाओं, डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, नर्सों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और चुनाव ड्यूटी पर हमारे सभी अधिकारियों को हमारी श्रद्धांजलि जो सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित हैं।"
कोरोना वायरस महामारी के बीच पहली बार इतने ज्यादा राज्यों में एक साथ चुनाव होने वाले हैं। महामारी की स्थिति को देखते हुए इन राज्यों में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इससे पहले चुनाव आयोग ने पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार में विधान सभा चुनावों का आयोजन कराया था, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई थी।
चुनाव आयोग के सामने तमिलनाडु और केरल में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए चुनाव संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए तमाम उपाय किए हैं। इसके साथ ही सुरक्षाबलों का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है।
चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने का प्लान बनाया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा दौरे इन पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल) में किए हैं। अभी भी एक टीम बंगाल के दौरे पर है।
चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने का प्लान बनाया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा दौरे इन पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल) में किए हैं। अभी भी एक टीम बंगाल के दौरे पर है।
चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने का प्लान बनाया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा दौरे इन पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल) में किए हैं। अभी भी एक टीम बंगाल के दौरे पर है।
बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं। वर्तमान में यहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनाव में ममता की टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें, कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी। यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।
आज शाम 4.30 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें चुनाव कार्यक्रमों का एलान संभव है। फिलहाल अशोका रोड पर निर्वाचन सदन में चुनाव आयोग की बैठक चल रही है। हाल के महीनों में चुनाव आयोग की टीमों ने सभी चुनावी राज्यों का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लिया था।