अमित शाह की सोनिया-राहुल को खुली चुनौतीः कहा- हिम्मत है तो असम में घुसपैठ पर दें बयान
असम विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान रैलियों को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीते दिन कांग्रेस को जमकर टारगेट किया।

असम विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान रैलियों को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीते दिन कांग्रेस को जमकर टारगेट किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अगर उनकी सरकार आती है तो बांग्लादेशी सीमा को सील कर घुसपैठ पर लगाम लगाएंगे।
यदि भाजपा-गठबंधन की सरकार राज्य में आयी तो बांग्लादेश के साथ राज्य की लगने वाली सीमा पर घुसपैठ रोक कर सीमा को पूरी तरह सील किया जाएगा| उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्त्व में हम असम को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना चाहते है और A for Assam की परिकल्पना को साकार करना चाहते हैं|
— Amit Shah (@AmitShah) March 28, 2016
इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस को खुली चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मेरी चुनौती कबूल करें और असम में लगातार हो रही घुसपैठ पर बयान दें।
अगर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी में हिम्मत है तो एक बार वह यह बोलें कि वे असम में घुसपैठ पूरी तरह से रोक देंगें|
— Amit Shah (@AmitShah) March 28, 2016
शाह ने आज आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है और वह सिर्फ अवैध प्रवासियों को अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है। शाह ने यहां एक रैली में कहा, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी असम विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने यहां आ रहे हैं…मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चुनौती देता हूं कि वह कहें कि वह बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकेंगी…वह यह नहीं कहेंगी।’ शाह ने यहां एक चुनाव रैली में कहा, ‘कांग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है।’ उन्होंने कहा कि यदि एक बार यहां भाजपा की सरकार आ जाए तो घुसपैठ की समस्या खत्म हो जाएगी।
शाह ने कहा, ‘हम बांग्लादेश सीमा को सील कर देंगे और कोई भी घुसपैठिया यहां आने में सफल नहीं होगा ।’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या सिर्फ असम की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है ।’
शाह ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता और बंटवारे के समय असम को कहां रखा था? जवाहर लाल नेहरू ने असम को श्रेणी डी राज्य के रूप में रखा।’ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और सीएम गोपीनाथ बारदोलोई ने असम को भारत के भीतर रखा।
शाह ने कहा कि 1960 के दशक में चीन के आक्रमण के समय अपने सैनिकों और असम के लोगों के साथ खड़े रहना नेहरू की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने आकाशवाणी पर यह कहते हुए राष्ट्र को संबोधित किया, ‘अलविदा असम, अलविदा असम।’ उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक बहादुरी से लड़े और असम को भारत के नक्शे में रखा।