मेरा मानना है कि यह राष्ट्र के लिए सबसे दुखद दिन है, जब आमिर खान जैसे शख्स देश के खिलाफ ऐसा बयान देते हैं कि यह एक असहिष्णु राष्ट्र है। यह वही देश है, जिसने उन्हें इतना बड़ा सितारा बनाया है।
उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए पर्याप्त वजहें नहीं बताई हैं। सिर्फ किरण के कहने पर उन्होंने ऐसा कहा? मैं आमिर खान से पूछना चाहूंगा कि वे उस देश का नाम बताएं, जो हमसे ज्यादा सहिष्णु है। मुझे पूरा भरोसा है कि वे एक ऐसा देश नहीं पाएंगे, जो भारत से ज्यादा सहिष्णु हो।
मैं ऐसा महसूस करता हूं कि यह एक किस्म का सांस्कृतिक आतंकवाद है, जहां आमिर खान सहिष्णुता और असहिष्णुता के नाम पर समाज को दो हिस्सों में बांट रहे हैं। एक ऐसे देश में जहां आमिर खान और किरण जैसे लोगों की हिफाजत करते हुए एक कर्नल जान दे देता है और उसकी पत्नी कहती है कि वो अपने बेटों को भी सेना में भेजेगी ताकि वे भी देश की हिफाजत कर सकें। अगर हमारा देश असहिष्णु होता तो आपको क्या लगता है कि वो ऐसा कहतीं?
आमिर जैसे लोगों के लिए यह बताने का वक्त है कि उन्होंने देश के लिए क्या किया है। ये वही देश है, जिसने उन्हें सब कुछ दिया है। हालांकि, उन्होंने इस देश के लिए कुछ नहीं किया। आमिर ने नाना पाटेकर जैसा कुछ नहीं किया जो देश के किसानों के साथ खड़े रहे। मैंने कभी ऐसा नहीं देखा कि आमिर ने सार्वजनिक तौर पर एक गांव को गोद लिया हो। उन्होंने लोगों का मनोरंजन किया और पैसे कमाए। वे उस देश पर इलजाम नहीं लगा सकते, जिसने उन्हें सहिष्णु होने के नाते ही बड़ा सितारा बनाया है। अगर यह देश असहिष्णु होता तो वे इतने बड़े सितारे न होते। आमिर की हरकत शर्मनाक है।
हाल ही में, किरण ने मुंबई एकैडमी ऑफ मूविंग इमेज नाम से एक फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया, जहां हजारों ने आनंद उठाया। अगर यह देश असहिष्णु होता तो यह फेस्टिवल कभी नहीं हो पाता। आमिर इस देश में बेहतरीन जिंदगी बिता रहे हैं। वे लोगों से प्यार पा रहे हैं। अपने बयान से आमिर ने उन सभी का अपमान किया है, जिन्होंने उन्हें स्टार बनाया है। उन्होंने मेरा अपमान किया है। मैंने उन्हें पसंद किया और उनकी परफॉर्मेंस पर तालियां भी बजाईं।
मैं आमिर को इस मुद्दे पर मुझसे बहस करने की चुनौती देता हूं। अगर वे देश छोड़ना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं। कोई उन्हें नहीं रोकेगा। लेकिन इस देश ने आमिर या किरण को ऐसा क्या नहीं दिया जिसकी वजह से उन्हें यह देश असहिष्णु लगने लगा। हर देश की अपनी समस्याएं होती हैं। आप इस पर बहस कर सकते हैं और अपनी राय बना सकते हैं, लेकिन किसी को देश को गाली नहीं देना चाहिए। लोगों को यह कहकर न डराएं कि देश असहिष्णु हो रहा है। देश सबसे पहले है। आमिर वे शख्स हैं, जिन्होंने 2002 के गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया। पब्लिसिटी के लिए अपनी फिल्म फना के रिलीज के वक्त मोदी को खूब भला बुरा कहा। लेकिन जब मोदी पीएम बन गए तो आमिर उनसे जाकर मुलाकात करने में सबसे आगे रहे। नरेंद्र मोदी ने आपको कबूल किया, गले लगाया और प्यार दिया। उन्होंने आपको स्वच्छ भारत अभियान से जोड़ा और अभियान का चेहरा बनाया। अगर यह देश या पीएम असहिष्णु होते तो वे आपको कभी नहीं कबूल करते। मुझे डर है कि आमिर खान ने जिन लोगों का अपमान किया है, वे यह बताने के लिए न उठ खड़े हों कि हकीकत में असहिष्णुता होती क्या है?
(लेखक एक फिल्ममेकर और सोशल एक्टिविस्ट हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)