ASER Survey: एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) बुधवार (18 जुलाई, 2023) को जारी की गई है। देशभर के 616 जिलों के सरकारी स्कूलों में किए गए इस सर्वेक्षण से पता चला है कि अटेंडेंस के मामले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार सबसे पीछे हैं। हालांकि, देशभर में स्कूलों में एडमिशन लेने वाले छात्रों में बढ़ोतरी हुई है और सिर्फ 2 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने एनरोल नहीं किया है। यह सर्वेक्षण ‘प्रथम’ फाउंडेशन द्वारा किया गया है। चार साल बाद इतने बड़े पैमान पर यह सर्वेक्षण किया गया है। इससे पहले साल 2018 में किया गया था। आईए जानते हैं सर्वेक्षण से जुड़ी 10 प्रमुख बातें-
- सर्वेक्षण से पता चलता है कि स्कूलों में छात्र और शिक्षक दोनों की अटेंडेंस स्थिर रही है। बच्चों की उपस्थिति का आंकड़ा 72% के करीब है, जबकि शिक्षकों के मामले में यह आंकड़ा 85% से थोड़ा ज्यादा है।
- सबसे कम अटेंडेंस वाले राज्यों में यूपी, एमपी, बिहार, त्रिपुरा हैं, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं जहां सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज की गई है।
- रिपोर्ट के मुताबिक, 6 से 14 साल की आयु वर्ग के बच्चों के एनरोलमेंट में सुधार हुआ है, जो 2018 में 97.2 प्रतिशत से 2022 में बढ़कर 98.4 प्रतिशत हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2022 के दौरान सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
- रिपोर्ट में ट्यूशन लेने वाले छात्रों में भी वृद्धि दिखाई गई है। 2018 से 2022 के बीच सभी राज्यों में ट्यूशन क्लासेस लेने वाले छात्रों की संख्यामें वृद्धि हुई है। हालांकि, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और त्रिपुरा में कोई बदलाव दर्ज नहीं किया गया है।
- ग्रामीण इलाकों की बात करें, तो सिर्फ 2 फीसदी ही बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने स्कूल में एनरोल नहीं किया है। लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के बावजूद 2018 और 2022 के बीच स्कूल में दाखिला नहीं लेने वाले बच्चों के अनुपात में गिरावट जारी रही है।
- एएसईआर 2022 की रिपोर्ट में 616 जिलों के 19,060 स्कूलों के लगभग 7 लाख बच्चों का सर्वेक्षण किया गया।
- एएसईआर केंद्र की निदेशक विलीमा वाधवा ने कहा, “कोरोना महामारी के दौरान लंबे समय तक स्कूल बंद रहे, जिस कारण काफी बच्चों ने स्कूल छोड़ा। महामारी के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कोई डेटा नहीं था। एएसईआर 2022 सर्वेक्षण महामारी के प्रभाव को समझने के लिए उपयोगी होगा।”
- एएसईआर की पिछले साल की रिपोर्ट से पता चला है कि नामांकित छात्रों के घरों में स्मार्टफोन की उपलब्धता 2018 से 2021 तक लगभग दोगुनी हो गई है। यह 36.5 प्रतिशत से बढ़कर 67.6 प्रतिशत हो गई है। यह उम्मीद जताई गई है कि ऑफलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने के बाद यह संख्या घट सकती है।
- इन चार सालों में बच्चों के खेलकूद पर भी ध्यान दिया गया है। साल 2022 में 68.9% स्कूलों में खेल के मैदान हैं, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 66.5% से थोड़ा अधिक था।
- ग्रेड V और ग्रेड VIII के छात्रों पर किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि पढ़ने के मामले में छात्राएं बेहतर हैं, जबकि मैथ के मामले में लड़कों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा है।