ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने गुरुवार (19 मई, 2022) को दाखिल कर दी है। इसके बाद जहां, एक तरफ लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ज्ञानवापी को लेकर रिपोर्ट में किन साक्ष्यों की बात की गई है। इस बीच, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रिपोर्ट के लीक होने पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि कोर्ट में पेश होने से पहले रिपोर्ट लीक कैसे हो गई।
उन्होंने कहा, “कोर्ट को रिपोर्ट पेश नहीं होती नंबर एक, जिस सर्वे और कोर्ट कमिश्नर की अपॉइंनमेंट का विरोध अंजुमन इंतेजामिया कमिटी ने किया, तो कमिटी का विरोध करना सही साबित हुआ या नहीं?”
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने इंतेजामिया कमिटी के सदस्य को कोर्ट कमिश्नर बनाने पर असहमति जताई, और जिसे कोर्ट कमिश्नर बनवाया उसने ही रिपोर्ट लीक कर दी। सारे टीवी चैनल्स पर रिपोर्ट को दिखाया जा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होनी है और फैसला सुनाया जाना है। ये क्या मजाक हो रहा है? बगैर लोअर कोर्ट को रिपोर्ट दिए, मीडिया के पास कैसे चली गई?
गौरतलब है कि 14, 15 और 16 मई को हुए सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने आज दाखिल कर दी है। इस रिपोर्ट में कई हैरान करने वाले खुलासों की बात की जा रही है। न्यूज चैनल इंडिया टीवी ने रिपोर्ट के आधार पर कहा कि वहां मौजूद काले रंग की आकृति जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग और मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है, उसमें पानी के लिए पाइप घुसाने के लिए कोई जगह नहीं मिली है। काले पत्थर की आकृति के ऊपर रखे सफेद पत्थर में सिर्फ एक छेद है, जिसकी गहराई 63 सेमी और चौड़ाई आधा इंच है। इसके अलावा, आकृति पर कोई और छेद नहीं मिला है, जिससे कि पानी बाहर निकाला जा सके।
इसके अलावा, रिपोर्ट में मस्जिद के तीन मुख्य गुंबदों का भी जिक्र किया गया है। इन्हें लेकर बताया गया कि एक गंबुद में शंकुकार शिखर की आकृति मिली है, जिसकी ऊंचाई ढाई फीट और व्यास 18 फीट है। टीवी चैनल ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि शंकुकार शिखर के ऊपर ही मस्जिद वाला गुंबद टिका हुआ है। इसके अलावा, दूसरे गंबुद के नीचे भी फूल, पत्ती और कमल की कलाकृतियां मौजूद हैं।