आंदोलनकारी किसान कह रहे नहीं हो रहा समाधान, पर Republic डिबेट में अर्नब का दावा- बन रही है बात; सिरसा बोले- नींव ही गलत है
अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि तीनों कानून की नींव ही गलत है, इसलिए सरकार इन्हें रद्द करे और नए सिरे से अच्छे कानून बनाए।

कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक बात बनती नहीं दिख रही है। आलोचक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार बातचीत के बहाने किसानों को थकाने का प्रयास कर रही है और समाधान निकालने की कोई कोशिश नहीं कर रही। हालांकि, रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी का कहना है कि किसानों और सरकार के बीच बात बन रही है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल दे रही है। साथ ही सरकार भी ईमानदारी से बात कर रही है।
अर्नब ने अपने शो पूछता है भारत में कहा, “बेशक बात बनेगी। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने लटकाने-भटकाने वालों को मौका नहीं मिलेगा। 10 दौर की बातचीत से पहले किसान सारी शंकाएं लिख कर लाएंगे और सरकार से वन टू वन डायरेक्ट बात होगी। बेशक बात बनेगी, क्योंकि अब सारी बात लिखित होंगी। कोई बीच में नया पॉइंट नहीं आएगा।”
हालांकि, अर्नब की इस बात पर शिरोमणी अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “बिल्कुल बनेगी बात, हम चाहते हैं कि सरकार किसानों की बात माने। तीनों कानून रद्द करे और नए सिरे से अच्छे कानून बनाए।” मनजिंदर ने आगे कहा, “ये कानून इसलिए संशोधित नहीं हो सकता, क्योंकि मान लीजिए आपने घर का नक्शा बनाया। उस नक्शे की नींव ही गलत है, आपने बाथरूम की जगह किचन बना दिया। बेडरूम की जगह बाथरूम बन गया। अब आर्किटेक्ट इसे कैसे ठीक कर देगा।”
हालांकि, भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि बताइए कि कौन से बाथरूम में किचन बन गई है। आप बताइए क्या बात लिखी है, जो यह नहीं होना चाहिए, यह होना चाहिए। मंडी बंद हो जाएगी यह कानून में कहां लिखा है? बताइए अगर प्राइवेट बस चलती है तो क्या सरकारी बसें बंद हो गईं क्या? अर्नब ने भी सिरसा को घेरते हुए पूछा कि कानून में कहां लिखा है कि सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी।