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अरविंद केजरीवाल ने मांगा मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने का टाइम, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ चाहिए समर्थन

अरविंद केजरीवाल इसके पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके हैं।

arvind kejriwal | mallikarjun kharge|
मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज (फोटो सोर्स: पीटीआई/एएनआई)

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (AAP Chief and Delhi CM Arvind Kejriwal) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) से मिलने का समय मांगा है। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से भी मिलने का समय मांगा है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाया, जिसका विरोध आम आदमी पार्टी कर रही है।

केंद्र सरकार जो अध्यादेश लेकर आई है, इसको संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। किसी भी प्रकार से यह अध्यादेश राज्यसभा से पास ना हो, इसलिए अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी पार्टियों से मिल रहे हैं और इसके विरोध में खड़े होने की अपील कर रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने अध्यादेश के खिलाफ समर्थन के लिए समय मांगा है। उन्होंने लिखा, “भाजपा सरकार द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन लेने और संघीय ढांचे और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर सामान्य हमले पर चर्चा करने के लिए आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी से मिलने का समय मांगा है।”

अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में अरविंद केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। इन सभी नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को आश्वासन दिया है कि वे उनके साथ खड़े हैं। नीतीश कुमार ने मीडिया में अगर बयान दिया था कि चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है और वह अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं।

बता दें कि दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन केंद्र ने एक हफ्ते बाद एक अध्यादेश लाकर फैसले को पलट दिया। अब इसे कानून बनाया जाएगा, जिसके लिए अध्यादेश को सदन के दोनों सदनों में पास होना अनिवार्य है। लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है। वहीं राज्यसभा में विपक्ष की कोशिश होगी कि यह अध्यादेश पारित न हो पाए।

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First published on: 26-05-2023 at 12:12 IST
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