‘शांति की गारंटी दें, भिक्षा नहीं मांग रहा’, बोले अर्णब, पैनलिस्ट ने पूछा- किसान क्या है, आपको पता है?
अर्नब ने सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव पर हमला तेज करते हुए कहा कि क्या माओवादी नेता देंगे सुरक्षा की गारंटी।

कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच तकरार जारी है। जहां किसान लगातार सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार का कहना है कि वह कानून रद्द नहीं करेगी, सिर्फ बदलाव पर सहमत होगी। दोनों पक्षों के बीच 8 दौर की वार्ता के बीच दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जनजीवन लगातार अस्त-व्यस्त है। इसी मुद्दे को उठाते हुए रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी ने किसान नेता दिगंबर सिंह और धर्मवीर को घेर लिया। अर्नब ने कहा लोगों को सुरक्षा की गारंटी कौन देगा। हालांकि, इस पर किसान नेता ने भी पलटवार किया।
अर्नब ने सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा, “हमें लोगों के सुरक्षा की गारंटी चाहिए, मैं पूछता हूं दिगंबर सिंह से कि हम नौकरीपेशा लोग सही-सलामत अपने दफ्तर पहुंचे, ये गारंटी कौन देगा। क्या माओवादियों के नेता योगेंद्र यादव देंगे ये गारंटी। हमें अहिंसा की गारंटी दें। मैं किसानों का समर्थक हूं, पर मैं चाहता हूं गारंटी। मैं भिक्षा नहीं मांग रहा, अपना हक मांग रहा हूं।”
हालांकि, दिगंबर सिंह ने पलटवार करते हुए पूछा कि कहां किसानों ने हिंसा की। किसान ने कोई सड़क नहीं खोदी। एक अन्य पैनलिस्ट धर्मवीर ने कहा कि हम गारंटी देते हैं कि कोई हिंसा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हिटलरशाही से नहीं चलता। ये सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है। किसान क्या होते हैं, आपको पता है? तीनों कानून वापस होने चाहिए।
‘मोदी सरकार से मांगिए गारंटी’: अर्नब ने किसान नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि मैंने सिर्फ सुरक्षा की गारंटी जैसी छोटी चीज मांगी है। पर इस पर दिगंबर सिंह ने कहा कि मोदीजी से मांगिए ये गारंटी। हमें भी तो मोदीजी ने ही प्रदर्शन पर बिठा रखा है। हम पढ़े-लिखे हैं। आप बहके हुए हैं। किसान अपनी बात पर नहीं अड़ा है।