Leh-Manali Highway : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जानकारी दी है कि लेह-मनाली राजमार्ग को शनिवार को 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया गया है। लेह-मनाली राजमार्ग आम तौर पर सर्दिlयों की शुरुआत के साथ नवंबर के अंत से मार्च में तक बंद रहता है। अब श्रीनगर और मनाली से होकर लद्दाख बहुत कम समय में पहुंचा जाना आसान हो जाएगा। यह रिकॉर्ड समय में खोला जाना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।
यह राजमार्ग भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कई मायनों में रणनीतिक है। यह भारत के सशस्त्र बलों की आवाजाही का एक बेहद महत्वपूर्ण मार्ग है। यह चीन और पाकिस्तान दोनों की सीमा के साथ-साथ लद्दाख को शेष भारत से जोड़ता है। यह रास्ता श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग का एक वेकल्पिक एक्सिस (axis) है।
422 किमी लंबा नेशनल हाइवे -1D सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 16 मार्च, 2023 को खोला गया था और इस धुरी पर यातायात शुरू हो गया है। बीआरओ द्वारा लद्दाख में ‘प्रोजेक्ट हिमांक’ और हिमाचल प्रदेश में ‘प्रोजेक्ट दीपक’ के तहत बर्फ को हटाने के ऑपरेशन को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया गया। इस दो टीमें लगाई गयी थीं जिनके साथ बड़ी मशीनें मौजूद थीं।
प्रोजेक्ट दीपक’ मनाली से सरचू (लद्दाख और हिमाचल की सीमा) तक चलाया गया और ‘प्रोजेक्ट हिमांक’ में लेह से सरचू तक राजमार्ग की सफाई शामिल थी। दोनों टीमों ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बर्फीले तूफानों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों को पार करते हुए हाईवे को साफ करने के लिए काम किया। शनिवार को एक विज्ञप्ति में इससे जुड़ी ज़्यादा जानकारी दी गयी हैं।
2022 में सड़क को 26 मार्च को यातायात के लिए खोला गयाi था। इस बार बीआरओ ने शनिवार (25 मार्च) को सड़क को फिर से खोलकर 2023 में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। 427 किलोमीटर लंबी मनाली-लेह सड़क को आमतौर पर मई/जून में खोला जाता था लेकिन इस बार यह मार्च में सिर्फ 138 दिनों के बाद शनिवार को खोल दिया गया। लेह-मनाली हाईवे लद्दाख को मनाली के रास्ते भारत के दूसरे हिस्सों से जोड़ता है।