BBC Documentary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर बनी डाक्यूमेंट्री को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसकी स्क्रीनिंग को लेकर मंगलवार शाम को जेएनयू में बवाल हुआ था। आज जामिया मिलिया विवि में फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर माहौल गर्म हो गया। पुलिस ने चार छात्रों को अरेस्ट भी किया। पंजाब यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने भी बुधवार को कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री सीरीज के प्रदर्शन पर रोक लगा दी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि बिना अनुमति के परिसर में छात्रों को किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। संगठनों को शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को नष्ट करने से रोकने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।
डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल
मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में इसकी स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था। इस दौरान बिजली काट दी गई और इंटरनेट भी बंद कर दिया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी में छात्रों ने खूब हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देखते समय उन पर हमला किया गया। छात्रों का आरोप है कि ये हमला एबीवीपी के छात्रों ने किया है। यूनिवर्सिटी में इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए।
इससे पहले 21 जनवरी को हैदराबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह ने बिना किसी पूर्व सूचना के अपने नॉर्थ कैंपस में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी। इसके बाद सुरक्षा दल और डीन ने आयोजकों से स्क्रीनिंग को रोकने को कहा, लेकिन स्क्रीनिंग जारी रखी गई।
केरल के राज्यपाल ने, डॉक्यूमेंट्री की रिलीज के समय को लेकर उठाए सवाल
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने इसकी रिलीज को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इसी समय इसे रिलीज क्यों किया गया, जब भारत जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहा है।
उन्होंने कहा, “जब भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली है डॉक्यूमेंट्री को लाने के लिए उसी समय को क्यों चुना गया? ये डॉक्यूमेंट्री उस सोर्स से आ रहा है जिसने हमारी आजादी के समय कहा था कि भारत अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करने में अभी सक्षम नहीं है।”
थरूर बोले- एक डॉक्यूमेंट्री देश की संप्रभुता को कैसे प्रभावित कर सकती है
वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) का कहना है कि एक डॉक्यूमेंट्री देश की संप्रभुता को कैसे प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी नहीं है, इसे नजरअंदाज भी किया जा सकता है।