100 करोड़ की वसूली का आरोपः फडणवीस बोले- पवार के दावे झूठे; देशमुख का ‘विक्टिम कार्ड’- बदनाम किया जा रहा
सचिन वझे से कनेक्शन के बारे में अनिल देशमुख ने वीडियो जारी कर कहा कि वह 5 फरवरी से 15 फरवरी तक अस्पताल में थे और इसके बाद 10 दिन होम क्वारंटीन में रहे। फडणवीस ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि वह आइसोलेशन में नहीं थे।

मुकेश अंबाने के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली कार के घटनाक्रम के बाद एक-एक कर जिस तरह से बातें सामने आ रही हैं, वे किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हैं। मनसुख हिरेन की हत्या के आरोपी पुलिस अधिकारी सचिन वझे से कनेक्शन के बारे में सफाई देते हुए अनिल देशमुख ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए यह भी कहा कि 5 फरवरी से 15 फरवरी तक वह अस्पताल में थे और इसके बाद 10 दिन होम क्वारंटीन में थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता फडणवीस कुछ दस्तावेज लेकर सामने आए और दावा किया कि अनिल देशमुख झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार से देशमुख को बचाने के लिए झूठ बोलवाया गया।
देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस मूवमेंट के दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि 15 फरवरी को एक प्राइवेट जेट से वह मुंबई आ गए थे। उन्होंने कहा, ‘अगर हम देखें तो इसमें 17 फरवरी को लिखा है कि अनिल देशमुख 17 फरवरी 2021 दोपहर तीन बजे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में आगमन।’ उन्होंने कहा कि गृह मंत्री होम आइसोलेशन में नहीं थे बल्कि उन्होंने यात्राएं भी कीं और कई अधिकारियों से मुलाकात भी की। फडणवीस ने कहा, ‘महत्व की बात यह है कि जो परमबीर सिंह ने पत्र लिखा है, उस पत्र में एसएमएस या वॉट्सऐप का सबूत भी दिया है। कल आदरणीय पवार साहब को सही ब्रीफिंग नहीं दी गई थी, एक राष्ट्रीय नेता के मुंह से गलत बातें कहलवाई गईं।’
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) March 22, 2021
कल एक वीडियो जारी करते हुए अनिल देशमुख ने कहा था, ‘मुझे कोविड हुआ था उसकी वजह से नागपुर के अस्पताल में दो फरवरी से 15 फरवरी तक ऐडमिट था। 15 फरवरी को जब मैं डिसचार्ज हो रहा था तब अस्पताल के गेट के पास बहुत सारे पत्रकार थे। कमजोरी थी और मैं कुर्सी पर बैठ गया। जवाब देने के बाद 27 फरवरी तक मैं होम क्वारंटीन में था और 28 फरवरी को घर के बाहर निकला।’
बता दें कि एंटीलिया केस लगातार उलझता जा रहा है। सोमवार को शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अनिल देशमुख को बचाने की कोशिश की थई। उन्होंने भी कहा था कि 5 से 15 फरवरी तक देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। ऐसे में पुलिस अधिकारी सचिन वझे से मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता है। हालांकि भाजपा का कहना था कि अघाड़ी सरकार झूठ फैला रही है।