Tripura : त्रिपुरा में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन गयी है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में माणिक साहा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा के साथ शीर्ष स्तर की बैठक में शामिल हुए हैं।
स्वामी विवेकानंद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के लगभग आधे घंटे बाद प्रद्योत देबबर्मा को राजकीय अतिथि गृह में प्रवेश करते देखा गया था। जहां गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ठहरे हुए हैं। इससे पहले उन्होंने पार्टी अध्यक्ष बी के हरंगखाल के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा था “टिपरा ने समझौता नहीं किया है! रुको और देखो”
गृहमंत्री अमित शाह गोमती जिले के उदयपुर में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर दर्शन के दो घंटे बाद गेस्ट हाउस पहुंचे। बैठक दोपहर 2 बजे शुरू हुई और इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे।
क्या कहती है यह मीटिंग?
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने टिपरा मोथा को तीन कैबिनेट मंत्री पद की पेशकश की है। यह पेशकश 2018 में भाजपा के गठबंधन सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) की तुलना में एक ज्यादा है। पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा को इस बार एक कैबिनेट मंत्री पद मिला है। वह इस चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब रहा हैं।
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए टिपरा मोथा के साथ संबंध बनाना चाहती है। टिपरा की दो संसदीय सीटों में से एक आदिवासियों के लिए आरक्षित है, जो इसे जीतने के लिए टिपरा मोथा को पसंदीदा बनाती है।
यदि टिपरा मोथा सरकार में शामिल नहीं होती हैं, तो यह विधानसभा में प्रमुख विपक्षी पार्टी बन जाएगी क्योंकि इसके पास 13 सीटें हैं, जो सीपीआई (एम) से दो अधिक हैं। विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच हुई बैठक कामयाब साबित नहीं हुई थी। हालांकि असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि भाजपा ग्रेटर तिपरालैंड की मांग को छोड़कर हर मुद्दे पर टिपरा मोथा के साथ बातचीत के लिए तैयार है।