LAC विवादः इधर तनाव को चीन ने भारत को ठहराया जिम्मेदार, उधर अरुणाचल के करीब ‘ड्रैगन’ की बुलेट ट्रेन बन सकती है देश की टेंशन!
वांग ने चीन और भारत के बीच संबंध के लिए सीमा विवाद के पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश मित्र एवं साझेदार हैं, लेकिन उन्हें एक दूसरे पर संदेह करना छोड़ देना चाहिए।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि चीन और भारत को सीमा मुद्दे के हल के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना और आपस में संदेह करना छोड़ देना चाहिए तथा द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए। वांग ने चीन और भारत के बीच संबंध के लिए सीमा विवाद के पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश मित्र एवं साझेदार हैं, लेकिन उन्हें एक दूसरे पर संदेह करना छोड़ देना चाहिए।
वांग ने पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध होने के बाद से भारत-चीन संबंधों की मौजूदा स्थिति पर अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देश अपने विवादों का निपटारा करें और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करें। उन्होंने कहा, ‘‘सीमा विवाद, इतिहास की देन है, यह चीन-भारत संबंध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है।’’
वांग ने चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र से अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह जरूरी है कि दोनों पक्ष विवादों का उपयुक्त निपटारा करें और साथ ही सहयोग बढ़ाएं, ताकि मुद्दों के हल के लिए अनुकूल स्थिति बन सके।’’ हालांकि, उन्होंने दोनों देशों के बीच 10 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों के हाल ही में पीछे हटने के विषय पर कुछ नहीं कहा।
वहीं चीन इस साल जुलाई से पहले अरूणाचल प्रदेश से लगने वाली भारतीय सीमा के नजदीक तिब्बत तक बुलेट ट्रेनों का संचालन करेगा, जो सभी प्रांतों तक हाई-स्पीड ट्रेन सेवाओं की एक शुरूआत है। यह बुलेट ट्रेन भारत की टेंशन बढ़ा सकती है।
चीन की सरकारी रेलवे ग्रुप कंपनी लिमिटेड के बोर्ड के अध्यक्ष लू डोंगफू ने सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ से कहा कि 435 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर आंतरिक दहन और बिजली से चलने वाली हाई-स्पीड फक्सिंग ट्रेन चलायी जाएगी। प्रांतीय राजधानी ल्हासा और पूर्वी तिब्बत के निंगची के बीच रेलवे लाइन का निर्माण 2014 में शुरू हो गया था। यह तिब्बत का पहला ऐसा रेल मार्ग है जहां बिजली से ट्रेन चलेगी और इस पर मार्ग पर जून 2021 में परिचालन शुरू होना है।
खबर में कहा गया है कि रेल पटरी बिछाने का काम 2020 में पूरा हो चुका है। लू ने कहा कि चीन का लक्ष्य 2025 तक हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क 50 हजार किलोमीटर तक करने का है। हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क 2020 के अंत तक 37,900 किलोमीटर था। उन्होंने बताया कि चीन में निर्मित फक्सिंग ट्रेनों की गति प्रति घंटा अब बढ़कर 160 किलोमीटर से 350 किलोमीटर के बीच पहुंच गयी है।