America On Rahul Gandhi: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सूरत कोर्ट के आदेश के बाद लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई है। इसे लेकर कांग्रेस का संसद से लेकर सड़क तक संग्राम जारी है। कई विपक्षी दलों का भी कांग्रेस को साथ मिला है। अमेरिका का भी इस पर बयान सामने आया है। अमेरिका का कहना है कि कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है।
अमेरिका ने दी राहुल गांधी मामले में प्रतिक्रिया
अमेरिका के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने राहुल गांधी मामले में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के साथ ही लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सिद्धांतों को दिखाना जरूरी है। पूरे मामले पर अमेरिका की नजर है। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह इस मामले में भारत या राहुल गांधी से बातचीत कर रहा है तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।
सूरत कोर्ट के आदेश के बाद अयोग्य घोषित
राहुल गांधी को सूरत की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 2019 के मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल गांधी की अयोग्यता का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। अब उन्हें सरकारी बंगला भी खाली करने को नोटिस भेजा जा चुका है।
क्या है पूरा मामला
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में हुई रैली में मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’ इस बयान को लेकर बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।