पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था और इस दौरान कोर्ट ने उन पर सख्त टिप्पणी की थी। इसके बाद, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा है कि कुछ ताकतें नूपुर शर्मा के पीछे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के पास प्रोपेगैंडा के लिए बहुत बड़ी मशीनरी है और पूरी जनता जानती है कि भाजपा कोई भी साजिश कर सकती है। सपा प्रमुख ने कहा, “हिटलर के जमाने में तो केवल एक प्रोपेगैंडा मिनिस्टर था, इस सरकार में तो पूरी सरकार प्रोपेगैंडा है।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर शर्मा किसी पार्टी की प्रवक्ता थीं, सत्ता का नशा उनके दिमाग पर चढ़ गया। किसी पार्टी की प्रवक्ता हैं तो देश के कानून की परवाह किए बिना कोई भी बयान दे देती हैं।
नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद विपक्षी दल लगातार भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के जज साहब ने जो कुछ कहा है, मैं देश के पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं और मांग भी करता हूं कि नूपुर शर्मा को बचाने से रोकें। वो और उनकी सरकार नूपुर शर्मा को बचा रही है, कानून को अपना काम करने दें, ये ठीक नहीं हो रहा है।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब आप (नूपुर शर्मा) किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराती हैं तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है लेकिन आपके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में अभी तक आपकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह आपका दबदबा दिखाता है। इसका हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा, “दिल्ली की कानून-व्यवस्था तो केंद्र के अधीन है, फिर नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया गया। क्यों बचा रहे हैं, हमको समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नूपुर शर्मा को बचा रही है।”