केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सत्ताधारी एनडीए के घटक दलों ने बीजेपी नेतृत्व से नाराजगी जाहिर की है। पंजाब में प्रमुख सहयोगी दल और केंद्र में सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने कहा है कि गठबंधन के कई सहयोगी दल बीजेपी नेतृत्व के रवैये से नाराज हैं। एनडीटीवी से बातचीत में गुजराल ने कहा कि अगर बीजेपी अपने कामकाज की शैली में सुधार नहीं लाती है तो समर्थन देने पर उनकी पार्टी विचार कर सकती है। उन्होंने बीजेपी के मौजूदा कर्ताधर्ताओं को भूतपूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से कुछ सीखने की नसीहत दी है और कहा है कि अपने कामकाज की शैली में वाजपेयी की शैली शामिल करें।
गुजराल ने सख्त लहजे में कहा कि उनकी पार्टी अकाली दल NRC के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि नए नागरिकता संशोधन कानून में मुस्लिमों को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनडीए में चर्चा (नागरिकता अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण विधानों का जिक्र करते हुए) नहीं होती है। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनडीए घटक दलों के बीच कोई परामर्श नहीं होता है। यही कारण है कि एनडीए के अधिकांश सहयोगी दुखी हैं।”
गुजराल ने कहा, “मैंने यह बार-बार कहा है कि… हमें वाजपेयी स्पर्श की आवश्यकता है। वाजपेयी-जी ने, अगर आपको याद है, लगभग 20 दलों के साथ गठबंधन किया था। गठबंधन में तब सभी लोग खुश थे क्योंकि सभी को सम्मान मिलता था। उन्होंने सभी दलों को समान भाव से देखा। वाजपेयी जी का दरवाजा हमेशा खुला रहता था…वहां परामर्श होते थे।” उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी से सिर्फ एक ही नेता ने इस तरह की व्यवहार सीखा था, वो थे अरुण जेटली, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।
अकाली नेता ने कहा कि जब तक जेटली जीवित रहे, सरकार से बातचीत का एक चैनल खुला था लेकिन दुर्भाग्यवश उनके निधन के साथ ही वह दरवाजा भी बंद हो गया। जब उनसे पूछा गया कि क्या अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापस ले सकता है तो उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि भविष्य में बीजेपी की अगुवाई में सरकार कौन सा कदम उठाती है?
