महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक का सिलसिला जारी है। ताजा घटनाक्रम में राज ठाकरे (Raj Thackeray) के खासमखास रहे वसंत मोरे को राकांपा (NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने अपनी पार्टी में आने के लिए खुला ऑफर दिया है। हालांकि मोरे का कहना है कि उन्होंने अभी तक उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है। उन्हें कुछ और दलों की तरफ से भी ऐसा ही ऑफर मिला था। लेकिन वो अभी तक महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) में बने हुए हैं।
ध्यान रहे कि राज ठाकरे ने जब मस्जिदों में लगे लाउड स्पीकरों के खिलाफ मुहिम चलाने की बात कही थी, तब मोरे ही एकमात्र नेता थे जिन्होंने उनका विरोध किया था। मोरे राज ठाकरे के कितने खास हैं इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वो पुणे में एमएनएस के मुखिया हैं। Pune Municipal Corporation में वो राज ठाकरे की पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें राज ठाकरे का खासमखास माना जाता है।
हालांकि लाउड स्पीकरों के खिलाफ मुहिम का जब उन्होंने विरोध किया तभी से उनके राज ठाकरे से अलग होने की बात सियासी हलकों में चल रही थी। लेकिन एमएनएस चीफ के साथ उनकी बैठक के बाद चर्चाओं पर विराम लग गया। उसके बाद से वो राज ठाकरे के साथ ही बने हुए हैं। लेकिन अजित पवार के ताजा ऑफर ने महाराष्ट्र की सियासत में सरगर्मी पैदा कर दी है। मोरे ने खुद बताया कि अजित उन्हें एक समारोह में मिले। वहां उन्होंने उनको खुला ऑफर देकर कहा था कि वो राकांपा में उनका इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मोरे का कहना है कि अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है।
मोरे के पाला बदलने की चर्चाओं को तब पंख लगे जब राज ठाकरे की नेता रूपाली पाटिल (Rupali Patil) ने एमएनएस को अलविदा कहकर शरद पवार की पार्टी का दामन थाम लिया। उनका कहना था कि राज ठाकरे की पार्टी में उनके दरकिनार कर दिया गया था। वो ऐसे माहौल में नहीं रहना चाहतीं। लिहाजा वो राज ठाकरे को छोड़कर शरद पवार के साथ जा रही हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में पाला बदल का खेल तब तेज हुआ जब बाला साहेब के खासमखास रहे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को चकमा देकर बीजेपी के समर्थन से अपनी सरकार बना ली।