संसद की एक समिति ने नागर विमानन मंत्रालय से हवाई किराए की ऊपरी और निचली सीमा तय करने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि एअरलाइन की ओर से मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के नाम पर भारी कीमत वाली व्यवस्था नहीं अपनाई जाए। संसद में सोमवार को पेश परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की वर्ष 2023-24 की अनुदान की मांगों से जुड़ी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
वाणिज्यिक हितों और यात्रियों के हितों के बीच एक व्यवस्थित संतुलन हो
रिपोर्ट के अनुसार समिति ने कहा कि निजी एअरलाइन के वाणिज्यिक हितों और यात्रियों के हितों के बीच एक व्यवस्थित संतुलन बनाया जाना चाहिए ताकि निजी एअरलाइन का विकास भी हो और यात्रियों के हितों को भी ध्यान में रखा जाए। समिति ने यह भी देखा कि वर्तमान में हवाई किराए में वृद्धि मौजूदा विमान नियम, 1937 के आधार पर किराए को नियंत्रित करने के लिए मंत्रालय की ओर से किसी भी प्रकार के तंत्र को नहीं है।
विमानों को लाने की क्षमता का उसके अनुरूप विस्तार नहीं किया जा रहा
रिपोर्ट के मुताबिक एक ओर तो सरकार आम आदमी के लिए हवाई परिवहन को सस्ता बनाने की योजना बना रही है और हवाई क्षमता बढ़ाई जा रही है, लेकिन दूसरी ओर विमानों को लाने की क्षमता का उसके अनुरूप विस्तार नहीं किया जा रहा है। इसके चलते उच्च मांग के समय एअरलाइन टिकटों की कमी पैदा हो जाती है जिसके चलते कीमतों में वृद्धि होती है।
समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय की ओर से एक तंत्र होना चाहिए जो टिकटों की ऊपरी और निचले कीमतों का तय करे या कीमतों में अचानक वृद्धि को रोका जा सके। इसकी कड़ी निगरानी के लिए डीजीसीए के साथ मिलकर मंत्रालय यात्रियों को गुमराह करने से रोकने के लिए एअरलाइनों की वेबसाइटों पर भी नजर रखी जाए। इसके अलावा, पैनल ने कहा कि यदि निजी एअरलाइंस किराए के संबंध में सही जानकारी प्रकाशित नहीं करती हैं, तो उन्हें इसके लिए दंडित किया जाना चाहिए।
समिति का मानना है कि भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन और घरेलू पर्यटन दोनों बढ़ रहे हैं लेकिन पर्यटन अभी तक महामारी से पहले के अपने स्तर तक नहीं पहुंच सका है। इसमें कहा गया है कि ई-वीजा को सरल बनाने और जागरूकता पैदा करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में समिति को सूचित किया गया है कि वर्तमान में ई-वीजा (ई पर्यटन वीजा, ई बिजनेस वीजा, ई मेडिकल वीजा, ई कांफ्रेंस वीजा और ई मेडिकल अटेंडेंट वीजा की पांच उप श्रेणियों के तहत) 165 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
समिति को यह भी सूचित किया गया है कि मंत्रालय गृह और विदेश मंत्रालयों के साथ मिलकर पर्यटन हितधारकों और पर्यटकों के बीच परिपत्रों, रोड शो, बैठकों, सेमिनारों, सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया, यात्रा एवं उपभोक्ता मेलों आदि के माध्यम से ई-वीजा सुविधाओं को बढ़ावा दे रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार समिति ने कहा कि निजी एअरलाइन के वाणिज्यिक हितों और यात्रियों के हितों के बीच एक व्यवस्थित संतुलन बनाया जाना चाहिए ताकि निजी एअरलाइन का विकास भी हो और यात्रियों के हितों को भी ध्यान में रखा जाए। समिति ने यह भी देखा कि वर्तमान में हवाई किराए में वृद्धि मौजूदा विमान नियम, 1937 के आधार पर किराए को नियंत्रित करने के लिए मंत्रालय की ओर से किसी भी प्रकार के तंत्र को नहीं है।