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हवा का हाल: वायु गुणवत्ता गाजियाबाद में गंभीर, नोएडा, गुड़गांव व फरीदाबाद में बहुत खराब

सूचकांक के अनुसार शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

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बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान। फाइल फोटो।

गाजियाबाद में मंगलवार को वायु गुणवत्ता बिगड़कर ‘गंभीर स्तर’ पर पहुंच गई, जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव में यह बहुत खराब रही। सरकारी एजेंसी ने मंगलवार को इस संबंध में आंकड़ा जारी किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली से सटे इन शहरों में प्रदूषक कणों – पीएम 2.5 एवं पीएम 10 की मात्रा भी अधिक रहीं।

सूचकांक के अनुसार शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

मंगलवार को पिछले 24 घंटे का और वायु गुणवत्ता सूचकांक गाजियाबाद में 424 रहा, जबकि यह ग्रेटर नोएडा में 388, नोएडा में 387, फरीदाबाद में 335, गुरुग्राम में 311 दर्ज किया गया। सोमवार को एक्यूआई फरीदाबाद में 298,गुरुग्राम में 291, नोएडा में 346, ग्रेटर नोएडा में 349 और गाजियाबाद में 377 था।

रविवार को एक्यूआई फरीदाबाद में 236,गुरुग्राम में 242, नोएडा में 268, ग्रेटर नोएडा में 273 और गाजियाबाद में 300 था। बोर्ड का कहना है कि बहुत खराब वायु गुणवत्ता से लंबे समय तक रहने से लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है जबकि गंभीर वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्ति पर भी असर डालती है और जिन्हें पहले से बीमारी है उनपर और बुरा प्रभाव करती है।

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First published on: 02-12-2020 at 09:40 IST
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