उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की दिनदहाड़े निर्मम हत्या के बाद देशभर में गम का माहौल है और साथ ही इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश भी है। इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राजस्थान सरकार निशाने पर आ गई है। इस मुद्दे पर हो रही एक टीवी डिबेट में बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि पुलिस की इंटेलीजेंस का लोगों की सुरक्षा के बजाय पॉलिटिकल गैदरिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “ये राजस्थान की जनता की सुरक्षा का सवाल है। राजस्थान पूरे देश में महिलाओं और दलितों पर अत्याचार को लेकर नंबर वन है। ये पुलिस और प्रशासन की नाकामी की वजह से है। लगातार पिछले 6 महीने से कोई ना कोई दहशतगर्दी की हरकत हो रही है। अब सवाल ये उठता है कि जिम्मेदारी किसकी है। राज्य का लॉ एंड ऑर्डर स्टेट गवर्मेंट के पास होता है।”
उन्होंने करौली हिंसा के आरोपी, जोधपुर में दीपक की हत्या करने वाले और आरएसएस कार्यकर्ता रतन सोनी की हत्या करने वाले की अभी तक गिरफ्तारी ना होने का मुद्दा उठाते हुए गहलोत सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि पुलिस की इंटेलीजेंस है, लेकिन वो इंटेलीजेंस पॉलिटिकल गैदरिंग के लिए इस्तेमाल हो रही है।
वहीं, डिबेट में मौजूद एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने भी सुरक्षा को लेकर राजस्थान सरकार को घेरा। इसके साथ ही उन्होंने इस पूरी घटना के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए फिर से उनकी गिरफ्तारी की मांग की। वारिस पठान ने कहा, “अब देश में क्यों हो रहा है यह सब। एक बीजेपी नेता, जिसे भाजपा सरकार ने फ्रिंज एलीमेंट घोषित किया। हमारे हुजूर की शान में गुस्ताखी की। एआईएमआईएम यह कही रही है कि नूपुर शर्मा, जिसकी वजह से ये सारा बखेड़ा खड़ा हुआ है उसको कानून के तहत हिरासत में लिया जाए और रूल ऑफ लॉ का पालन करते हुए उसे कोर्ट में पेश करें और फिर कानून जो सजा तय करे वो उसको मिले।”
उन्होंने यह भी कहा, “उदयुपर की घटना, जिसमें हमारे हिंदू भाई कन्हैया साहब का कत्ल किया गया और जिन दरींदों ने यह हत्या की है उनके खिलाफ राजस्थान सरकार कड़ी कार्रवाई करे और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा हो। उन्होंने बहुत घिनौनी हरकत की और उसका वीडियो बनाकर वायरल किया, तो यह साफ दर्शाता है कि आंतकवादी माइंडसेट था उनका, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए। रेडिक्लाइजेशन किस हद तक बढ़ गया हमारे देश में। इख्लाक हो या रकबर खान हो, जिसने भी कानून लेकर इन लोगों को मारा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कानून के तहत सरकार करे तो ऐसी घटनाएं नहीं होंगे। पर ध्यान देने वाली बात यह भी है कि जब उनको धमकी दी जा रही थी तो राजस्थान सरकार उनको सुरक्षा देती तो हमारा हिंदू भाई बच जाता।”