’26 जनवरी नहीं, 25 जनवरी की आधी रात तिरंगा फहराएंगे, हिन्दुस्तान को बचाएंगे’, ओवैसी का ऐलान
ओवैसी ने आगे कहा कि '26 जनवरी के दिन सुबह 8 बजे या 9 बजे नहीं बल्कि 25 जनवरी की रात 12 बजे हम झंडा फहराएंगे और राष्ट्रगान गाएंगे।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ’26 जनवरी नहीं, 25 जनवरी की आधी रात तिरंगा फहराएंगे, हिन्दुस्तान को बचाएंगे’ असदुद्दीन ओवैसी ने ऐलान किया है कि ‘उनकी पार्टी 10 जनवरी को हैदराबाद के मीर आलम ईदगाह से लेकर शास्त्रीपुरम मैदान तक विरोध मार्च निकालेगी। इसके अलावा 25-26 जनवरी की रात हम चार मीनार के सामने ऐतिहासिक प्रदर्शन करेंगे और बैठक करेंगे। हम इस दिन रात 12 बजे तिरंगा झंडा फरहराएंगे और अपने गणतंत्र तथा हिन्दुस्तान की रक्षा के लिए शपथ लेंगे।’ ओवैसी ने आगे कहा कि ’26 जनवरी के दिन सुबह 8 बजे या 9 बजे नहीं बल्कि 25 जनवरी की रात 12 बजे हम झंडा फहराएंगे और राष्ट्रगान गाएंगे।
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी देश में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर लागू किये जाने का शुरू से ही विरोध करते रहे हैं। ओवैसी कई बार कह चुके हैं कि नए नागरिकता कानून को लाकर मुसलमानों के साथ भेदभाव करना चाहती है। कुछ दिनों पहले निजामाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि ‘‘गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई अंतर नहीं है। मैं आपको बता रहा हूं कि एनपीआर और एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एनपीआर और एनआरसी के नियम समान हैं। उन्होंने कहा था कि ‘ये नियम नागरिकता कानून, 1955 के मुताबिक बनाए गए हैं, जिसमें एनपीआर और एनआरसी का जिक्र है… अगर देश में एनपीआर होगा तो एनआरसी भी होगा।’
On 10 Jan we’ll march from Mir Alam Eidgah to Shastripuram ground in protest against #CAA_NRC_NPR
On the night of 25-26 Jan, we all will participate in historic Protest Meeting in Charminar’s shadow. At 12 AM we’ll hoist & take an oath to defend the Republic
Inshallah pic.twitter.com/SsjW3X2EXH
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 4, 2020
बहरहाल देश में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर चल रहे बवाल के बीच मोदी सरकार ने साफ किया है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी धर्म या संप्रदाय के लोगों से नागरिकता छिनने का नहीं बल्कि उन्हें नागरिकता देने का कानून है।
वहीं केंद्र सरकार ने यह भी साफ किया है कि एनआरसी को लागू करने को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध नहीं है। हालांकि अभी भी सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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