एआईएमआईएम के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने भाजपा के वोट देने वाले मुसलमानों पर निशाना साधा है। ओवैसी ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में भाजपा को वोट देने वाले मुसलमानों को अप्रत्यक्ष रूप से ‘छक्का’ कहा। ओवैसी एक सभा के दौरान साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने वाले हिंदुओं और मुसलमानों की संख्या से जुड़े आंकड़ों से संबंधित सर्वे का जिक्र कर रहे थे।
भाजपा के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने इस वीडियो को शेयर किया है। हैदराबाद से सांसद ने कहा कि साल 2014 और 2019 के बाद देशभर में यह सर्वे कराया गया कि देश की सभी 540 लोकसभा सीटों पर किस-किस धर्म, जाति और संप्रदाय के लोगों ने भाजपा को वोट दिया है। उन्होंने इस सर्वे के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2014 में 37 फीसदी हमारे हिंदू भाइयों ने मोदी को वोट किया। 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 44 फीसदी हो गया। अब आप अंदाजा लगाइये, किस के वोट बढ़ रहे हैं।
ओवैसी ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार 2014 में 6 फीसदी मुसलमानों ने मोदी को वोट किया। 2019 में वहीं 6 फीसदी लोगों ने मोदी को वोट किया। एआईएमआईएम प्रमुख ने मीडिया में रिपोर्ट छपने की बात कहते हुए एक पत्रकार की तरफ से इस बाबत पूछे जाने का जिक्र किया। उन्होंने पत्रकार से कहा देखिए इस रिपोर्ट में 3 चीजें हैं। 2014 में 37 फीसदी हिंदू भाइयों-बहनों ने मोदी को वोट किया।
6% Muslims who voted for PM Modi and BJP in 2014 and 2019 are ‘छक्के’ (eunuchs) as per Owaisi. Does he have the same opinion about Hindus who vote for him in Hyderabad and Imtiaz Jaleel (AIMIM MP from Aurangabad)? pic.twitter.com/m84imjNfE3
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 10, 2019
उन्होंने आगे कहा कि 5 साल में वह बढ़कर 44 फीसदी हो गया। मुसलमानों का वोट उतना का उतना ही है। इसके बाद उन्होंने पत्रकार से कहा कि जो 6 का नंबर है उसे क्रिकेट की भाषा में छक्का कहते हैं। 6 जो होता है वो छक्का होता है। मुसलमानों को मोदी को वोट देने के सवाल उन्होंने कहा दिए होंगे इससे हमको क्या करना। मालूम हो कि ओवैसी ने हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के लिंचिंग वाले बयान को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
उन्होंने कहा था कि जिस विचारधार ने महात्मा गांधी और तबरेज अंसारी जैसे लोगों की हत्या की उससे भारत की ज्यादा बदनामी हो रही है। इससे पहले आरएसएस के स्थापना दिवस पर मोहन भागवत ने कहा था कि लिंचिंग शब्द भारत पर थोपा जा रहा है। यह एक पश्चिमी सभ्यता से जुड़ा शब्द है।