भारत में इसी महीने कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद, एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया बोले- एक ही डोज से शरीर में बनने लगेंगी एंटी-बॉडी
AIIMS निदेशक डॉक्टर गुलेरिया ने वैक्सीन को सुरक्षित बताते हुए कहा कि अब तक 70 से 80 हजार वॉलंटियर वैक्सीन लगवा चुके हैं। किसी में भी गंभीर समस्या देखने को नहीं मिली।

दुनियाभर में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच अब इससे निपटने के लिए वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की नजर वैक्सीन पर है। इस बीच ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने उम्मीद जताई है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत तक भारत में वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए आपात मंजूरी मिल जाएगी। गुलेरिया ने कहा कि अब हमारे पास कुछ वैक्सीन फाइनल स्टेज ट्रायल पर हैं। इन्हें जल्द ही सार्वजनिक इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है।
एम्स निदेशक ने कहा कि एक बार बूस्टर डोज दिया गया, तो वैक्सीन लोगों के अंदर अच्छी-खासी मात्रा में एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देगी, जिससे वे कई महीनों के लिए सुरक्षित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी यह देखना बाकी है कि वैक्सीन लोगों में किस तरह की प्रतिरोधक क्षमता बनाती है।
वैक्सीन के सुरक्षित होने के सवाल पर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि अभी हमारे पास काफी मात्रा में डेटा है जो कहता है कि वैक्सीन सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सुरक्षा और क्षमता से बिल्कुल समझौता नहीं किया जाएगा। अब तक 70 से 80 हजार वॉलंटियर वैक्सीन लगवा चुके हैं। किसी में भी गंभीर समस्या देखने को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म वैक्सीन काफी सुरक्षित है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन लेने वाले चेन्नई के एक व्यक्ति की शिकायत पर गुलेरिया ने कहा कि कई बार जब हम बड़े समूह पर ट्रायल करते हैं, तो हो सकता है उनमें से किसी में पहले से कोई और बीमारी हो, जिसका वैक्सीन से कोई वास्ता न हो। बता दें कि हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित की जा रही इस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसे गंभीर साइड इफेक्ट से जूझना पड़ा है।
बता दें कि भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन-कोवीशील्ड के फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आ चुके हैं। इसे भारत में बना रहे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे जल्द ही इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन भी तीसरी स्टेज के ट्रायल जल्द खत्म कर सकती है। इसके अलावा रूस की स्पूतनिक वैक्सीन के ट्रायल की जिम्मेदारी रेड्डीज लैब संभाल रही है। इस वैक्सीन के भी नतीजे आ चुके हैं।
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि शुरुआत में वैक्सीन के डोज की आपूर्ति इतनी नहीं होगी कि इसे सभी को दिया जा सके। इसलिए हमें इसकी प्रॉयोरिटी तय करनी होगी। उन्होंने बताया कि जिन पर जान जाने का खतरा ज्यादा होगा, उन्हें पहले वैक्सीन मिलेगी। मसलन पहले से किसी बीमारी वाले बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन पहले मिलनी चाहिए। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों ही स्तरों पर वैक्सीन देने की योजना युद्धस्तर पर तैयार की जा रही है।
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