रविवार को एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने एक कार्यक्रम में कहा कि कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की वजह से जनता में पैनिक है। इसलिए लोगों ने घर में इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं। जिसकी वजह से इनकी कमी देखने को मिल रही है। साथ ही रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जो मरीज घर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से ज़्यादा है उन्हें रेमडेसिविर की कोई जरूरत नहीं है। अगर सामान्य लक्षण होने पर कोई रेमडेसिविर लेते हैं तो उससे उनको फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है।
#WATCH | AIIMS Director Dr Guleria says, “…Remdesivir not a magic bullet, it’s given to only patients who are hospitalised, have moderate to severe disease & whose oxygen saturation is below 93…Don’t misuse Oxygen & Remdesivir. Most patients can recover by isolating at home.” pic.twitter.com/jx7oUIXIOw
— ANI (@ANI) April 25, 2021
रणदीप गुलेरिया ने आगे कहा कि कोरोना भी एक तरह का मामूली संक्रमण है। 85-90% लोगों में ये आम बुखार, जुकाम की तरह है और इसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है। घरेलू नुस्खे, भाप लेने और सामान्य दवाई लेने से भी यह ठीक हो सकता है। इसके लिए ना तो ऑक्सीजन रखने की जरूरत है और ना ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की। रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा कि सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जिनमें गंभीर लक्षण हैं और उन्हें ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ पांच प्रतिशत कोरोना मरीजों को ही वेंटिलेटर की आवश्यकता है।
इसके अलावा रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कि कुछ लोग ऑक्सीजन सेचुरेशन 98 से 97 होने पर भी परेशान हो जा रहे हैं। लेकिन उन्हें पैनिक होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 से ज्यादा होने पर स्थिति अच्छी मानी जाती है। इसलिए 90 से ज्यादा लेवल वाले लोगों को ऑक्सीजन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर इस स्थिति में भी कोई ऑक्सीजन सिलिंडर अपने पास रखता है तो वह दूसरों की जान को जोखिम में डाल रहा है।
देश में एक दिन में कोविड-19 के 3,46,786 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,66,10,481 पर पहुंच गए जबकि एक्टिव केसों की संख्या 25 लाख से अधिक हो गई है। इन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में 2,624 संक्रमितों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,89,544 हो गई है।