Navy Chief Admiral R Hari Kumar: 4 दिसंबर को नौसेना दिवस (Navy Day) से पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) ने कहा कि आईएनएस विक्रांत का कमीशन देश और नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। उन्होंने कहा कि INS Vikrant पहला स्वदेशी विमान वाहक, हमारे प्रधानमंत्री द्वारा कोच्चि में कमीशन किया गया था। यह एक ऐतिहासिक घटना रही है और नौसेना नेतृत्व, डिजाइनरों, योजनाकारों, शिपयार्ड श्रमिकों, उद्योग और अन्य सहायक एजेंसियों और कर्मियों की पीढ़ियों के लगातार प्रयासों को दर्शाती है।
हमारी स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है INS Vikrant: नौसेना प्रमुख (Navy Chief) यह हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है और यह हमारी स्वदेशी क्षमता का एक प्रतीक है। इसने दुनिया में भारत के कद को बढ़ाने में योगदान दिया है। मुझे यकीन है कि विक्रांत आने वाले वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गर्व से तिरंगा फहराएगा। एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि आईएनएस विक्रांत का कमीशन देश और नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक घटना है और यह वास्तव में आत्मानिर्भरता का मशाल वाहक है। बहुत कम देश हैं जिनके पास एक विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है और अब हम उन विशिष्ट देशों में से एक हैं।
एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, “हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त-क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। हम जानते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां बड़ी मात्रा में व्यापार होता है और ऊर्जा प्रवाह होता है। हमारा काम यह देखना है कि समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा हो।”
हम 2047 तक आत्मनिर्भर नौसेना (Navy) होंगे: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, “भारत के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध से सबसे बड़ा सबक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना था। उन्होंने कहा कि भारत के लिए, रूस-यूक्रेन युद्ध से सबसे बड़ी सीख आत्मनिर्भर होना और आपूर्ति श्रृंखलाओं को तैयार रखना था।” उन्होंने कहा, “हाल की वैश्विक घटनाएं यह रेखांकित करती हैं कि हम अपनी सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकते। हमें सरकार ने आत्मनिर्भर भारत को लेकर स्पष्ट दिशा दिखाई है। शीर्ष नेतृत्व के साथ नौसेना की प्रतिबद्धता है कि हम 2047 तक आत्मनिर्भर नौसेना के रूप में खड़े होंगे।”
अगले साल महिला अधिकारियों को सभी शाखाओं में शामिल करने का विचार: नौसेना प्रमुख ने कहा, “अग्निवीरों के पहले बैच की रिपोर्ट आ चुकी है। लगभग 3000 अग्निवीर शामिल हो चुके हैं जिनमें से लगभग 341 महिलाएं हैं। अगले साल हम महिला अधिकारियों को सभी शाखाओं में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं न कि केवल 7-8 शाखाओं में जो आज तक सीमित हैं।”