अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर भाजपा द्वारा निशाना बनाए जाने के एक दिन बाद पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने सत्तारूढ़ दल पर पलटवार करते हुए कहा कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीदारी की प्रक्रिया के लिए निविदा प्रक्रिया में ‘‘बदलाव’’ 2003 में ही शुरू हुआ था जब राजग सरकार का शासनकाल था और इसके मुखिया अटल बिहारी वाजपेयी थे। एंटनी ने रविवार (8 मई) को यहां कहा, ‘‘वीवीआईपी के लिए सरकार द्वारा 2002 में हेलीकॉप्टर खरीद की प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसमें वैश्विक निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए अगस्तावेस्टलैंड उपयुक्त नहीं था। यह निविदा प्रक्रिया में तभी शामिल हो सका जब वायुसेना, रक्षा अधिकारियों की बैठक हुई जिसका आयोजन तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्रा ने 2003 में किया और नियमों में ढील देने का निर्णय किया।’’
वीवीआईपी के लिए हेलीकॉप्टर की आपूर्ति के मामले में अगस्तावेस्टलैंड की पसंद के घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जब संचालन जरूरतों को तय किया गया तो यह तय हुआ कि हेलीकॉप्टर को छह हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम होना चाहिए।
एंटनी ने एरनाकुलम प्रेस क्लब की तरफ से आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा, ‘‘लेकिन ब्रजेश मिश्रा की अध्यक्षता में 2003 में आयोजित बैठक में संचालन जरूरत को कम कर 4500 मीटर की ऊंचाई कर दिया गया। उस बैठक में हेलीकॉप्टर के केबिन की ऊंचाई को 1.80 मीटर आवश्यक करने का निर्णय किया गया। इस निर्णय से अगस्तावेस्टलैंड को निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अवसर मिल गया। तभी से बदलाव शुरू हो गया।’’
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वीवीआईपी के लिए हेलीकॉप्टर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। एंटनी ने दावा किया कि सौदे के बारे में उन्हें तभी संदेह हो गया जब रक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने इटली की अदालत में मामले की कार्यवाही देखी। एंटनी ने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि सौदे में भ्रष्टाचार का संदेह है। इसको देखते हुए संप्रग सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड सौदे में सीबीआई जांच का आदेश देने का निर्णय किया।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिन लोगों में इस मामले में रिश्वत ली है उन पर मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। वह विधानसभा चुनाव लड़ रहे यूडीएफ उम्मीदवारों का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार पर पूरे मामले में भ्रम पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आप देश पर शासन कर रहे हैं। कार्रवाई कीजिए। जितनी जल्दी हो मामले की जांच पूरी कीजिए। रिश्वत लेने और देने वालों को दंडित कीजिए।’’
यह पूछने पर कि क्या वह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए तैयार हैं तो एंटनी ने कहा, ‘‘मुझ पर रहम मत कीजिए। कानून के मुताबिक जो कार्रवाई कर सकते हैं कीजिए।’’
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार (7 मई) को एंटनी पर प्रहार करते हुए कहा था कि विदेशी कंपनी को 2010 में जब निविदा दी गई तब वह रक्षा मंत्री थे इसलिए उन्हें जवाब देना है कि भारतीय वायुसेना को वीवीआईपी हेलीकॉप्टर आपूर्ति करने के विवादास्पद सौदे के पीछे कौन ताकत थी।