भारत के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल (91 वर्ष) दूसरों के लिए विदाई के दिग्गज हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज की हर विदाई पर, जजों के जल्द रिटायर होने पर उनकी टिप्पणी आती है और सरकार से रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की गुहार लगाते हैं। ठीक इसी प्रकार की टिप्पणी के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के जज विनीत सरन के विदाई समारोह में की।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के जज विनीत सरन की विदाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि हर सेवानिवृत्त जज को कम से कम पांच साल और मिले, लेकिन वह जस्टिस विनीत सरन के लिए ऐसा नहीं चाहते। उन्होंने कहा, “वह एक गोल्फर है। मुझे उम्मीद है कि उन्हें अपने जुनून को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। न्यायमूर्ति सरन इतने युवा दिखते हैं और यह विश्वास करना मुश्किल है कि वह सेवानिवृत्त हो रहे हैं।”
वहीं जस्टिस सरन की रिटायरमेंट पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस विनीत सरन 325 फैसलों में बेंच का हिस्सा रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर संवैधानिक बेंच के फैसले हैं। न्यायाधीश की भूमिका एक तंग रस्सी पर चलना है, क्योंकि न्यायाधीश को मानव होने और एक न्यायाधीश होने के बीच संतुलन बनाए रखना होता है, जिसे कानूनी बाधाओं के भीतर न्याय देना होता है।”
जस्टिस सरन के विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा, “न्यायमूर्ति सरन विविध व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं और इस अदालत के लिए एक बड़ी संपत्ति रहे हैं। उन्हें उनके विनम्र व्यवहार, कम समय में जटिलताओं को समझने की उनकी क्षमता, जूनियर्स को उनके प्रोत्साहन, उनके विद्वतापूर्ण निर्णयों के लिए याद किया जाएगा। जब वह कर्नाटक ज्वॉइन होने के लिए इलाहाबाद से निकल रहे थे, तो उन्होंने ट्रेन से जाना चुना और पूरा स्टेशन 700-800 वकीलों से भरा हुआ था। उनके पास इस तरह की लोकप्रियता है।”
जस्टिस सरन के विदाई समारोह पर सीजेआई एन वी रमना ने कहा, “जस्टिस सरन एक दयालु व्यक्ति हैं, जो सामाजिक वास्तविकताओं के प्रति जागरूक हैं। वास्तविक कारण वाले लोग उनके दरबार से कभी खाली नहीं जाते। एक कहावत है कि कानून हर चीज का सच्चा अवतार है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि न्यायाधीश निष्पक्षता और समानता का परिचय देते हैं।”