आतंकियों की मदद करने वाले डीएसपी देविंदर सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उससे कई राज उगलवाने में लगी है। पुलिस यह भी पता कर रही है कि क्या देविंदर सिंह ने पहले भी किसी आतंकवादी की मदद की है।? हैरानी की बात यह है कि देविंदर सिंह का नाम सबसे पहले अफजल गुरु ने लिया था। साल 2001 में देश के संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को अदालत के आदेश के बाद फांसी दी गई थी। लेकिन फांसी से पहले उसने अपने वकील सुशील कुमार को एक खत लिखा था। सुशील कुमार सुप्रीम कोर्ट में अफजल गुरु के पक्ष में पैरवी कर रहे थे। इसी खत में अफजल गुरु ने सबसे देविंदर सिंह का नाम लिया था और बताया था कि देविंदर सिंह ने उसे काफी टॉर्चर किया था। इतना ही नहीं अफजल गुरु ने यह भी बताया था कि संसद हमले के बाद जो 5 आतंकवादी मारे गए थे उनमें से एक देविंदर सिंह का परिचित भी था।

हालांकि अफजल गुरु के इन दावों की कोई जांच नहीं की गई और देविंदर सिंह पुलिस सेवा में बना रहा। अब वो बीते शनिवार को 2 खूंखार आतंकवादियों के साथ कार में घूमते हुए डीएसपी देविन्दर सिंह पकड़ा गया है। अफजल गुरु ने अपने वकील को लिखे खत में बताया था कि ‘संसद हमले से कुछ ही दिनों पहले देविंदर ने उसे मोहम्मद नाम के एक शख्स से मिलाया था और उससे कहा था कि वो उसका एक छोटा सा काम कर दे कि मोहम्मद को दिल्ली में रहने के लिए एक कमरे का इंतजाम करा दे।’ बाद में 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए हमले के बाद जो 5 आतंकी मारे गए उनमें मोहम्मद भी शामिल था।

अपने वकील को लिखे खत में अफजल गुरु ने लिखा कि जम्मू और कश्मीर स्पेशल टास्ट फोर्स के कुछ लोगों ने उसे पकड़ा था और पहली बार उसकी मुलाकात देविंदर सिंह से हुई थी। अफजल गुरु के मुताबिक उसे पुलिस कैंप ले जाया गया था जहां उसे काफी टॉर्चर किया गया था। अफजल गुरू ने बताया कि हूमहामा एसटीएफ कैंप में देविंदर सिंह ने उसे काफी टॉर्चर किया था। यहां उसे इलेक्ट्रिक शॉक भी दिया गया था। बाद में देविन्दर सिंह ने भी एक साक्षात्कार में बूला था कि उसने अफजल गुरु को कई दिनों तक टॉर्चर किया था।

साल 2006 में Parvaiz Bukhari नाम के एक पत्रकार के साथ साक्षात्कार में देविन्दर सिंह ने कहा था कि ‘मैंने उससे पूछताछ की और कैंप में कई दिनों तक उसे टॉर्चर किया…हमने कभी भी उसकी गिरफ्तारी को रिकॉर्ड में नहीं रखा।’ अफजल गुरु ने लिखा था कि ‘जब मेरे परिवार वालों ने उन्हें 1 लाख रुपए दिए तब जाकर मुझे कैंप से छोड़ा गया।’

इस चिट्ठी में अफजल गुरु ने ‘अल्ताफ हुसैन नाम के एक शख्स का जिक्र करते हुए बताया कि एक दिन अल्ताफ उसे देविन्दर सिंह के पास ले गया था।  देविन्दर सिंह ने उसे मोहम्मद नाम के एक शख्स को दिल्ली पहुंचाने के लिए कहा था। अफजल गुरु के मुताबिक दिल्ली में आने के बाद मोम्मद कई लोगों से मिला और अक्सर देविन्दर सिंह से उसकी फोन पर बातचीत होती थी।