अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आप सरकार के एक महीने के कार्यकाल को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए दिल्ली भजापा ने उस पर लोगों को राहत देने में विफल रहने और बिजली, महिला सुरक्षा, मुफ्त वाईफाई और पानी जैसे विषयों पर अपने अहम वादों पर कदम लड़खड़ाने का आरोप लगाया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने विधायकों के खरीद-फरोख्त वाले आॅडियोटेप को लेकर भी केजरीवाल पर निशाना साधा।
उन्होंने पारदर्शी और ईमानदार राजनीति को लेकर आप पर सवाल खड़ा किया और कहा कि केजरीवाल सरकार (20 हजार लीटर पानी प्रति परिवार प्रति महीने), बिजली के दाम आधे करने (400 यूनिट तक), मुफ्त वाईफाई, डीटीसी बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मार्शलों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे लगाने, प्रशासनिक खर्च घटाने जैसे वादों पर विफल रही है।
मंत्री जितेंद्र तोमर के कथित फर्जी प्रमाणपत्र के सिलसिले में उन्होंने कहा, ‘तोमर ने अपनी सरकार को गुमराह किया। अदालत में इस संबंध में सुनवाई लंबित है। यदि उनकी डिग्री फर्जी पायी गयी तो हम उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य करेंगे।’ इस वीडियो टेप पर कि केजरीवाल ने तीन मुसलिम विधायकों समेत छह कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की कोशिश की थी, उपाध्याय ने कहा, ‘वे मुसलमान भाइयों को बस वोटबैंक के रूप में देख रहे हैं।’
आप सरकार ने वाईफाई कार्यबल बनाया : मुफ्त वाईफाई देने के अपने वादे को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने बारीकियां तय करने के लिए मंगलवार को विशेषज्ञों का एक वाईफाई कार्यबल बनाया।
सरकार इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों का एक दिवसीय ‘दिल्ली वाईफाई सम्मेलन’ करने की योजना बना रही है। नया कार्यबल दिल्ली डॉयलाग आयोग (डीडीसी) का हिस्सा है जिसमें फिलहाल गुरु महेश मूर्ति, मीडियानामा संस्थापक निखिल पाहवा और सीआइएस नीति निदेशक प्रणेश प्रकाश सदस्य होंगे। आयोग आप सरकार का सलाहकार निकाय है।
डीडीसी के अनुसार वह सफल वाई फाई क्रियान्वयान की उत्तम पद्धतियों का अध्ययन करने और कई स्थानों पर विफलता से सीख लेने के लिए दुनिया के शहरों और देशों को न्योते और समझौते संबंधी अनुरोध भेज रही है।
आम आदमी पार्टी ने चुनाव के दौरान वैसे तो कई वादे किए पर उनमें मुफ्त वाई फाई देने का वादा सबसे ज्यादा आकर्षक था। आप के इस वादे से खासकर दिल्ली के युवा बहुत आकर्षित हुए थे। आप सरकार की ओर से वाई फाई के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी तो भाजपा उंगली उठा रही थी।
लेकिन अब सरकार ने कार्य बल बना कर विरोधियों को चुप होने के लिए विवश कर दिया है।