पाकिस्तान ने 5133 सीजफायर उल्लंघन के बाद कहा- समझौतों का पालन करेंगे, भारत ने छोड़ी आतंक और वार्ता साथ-साथ नहीं की जिद
भारत के डीजीएमओ ले. जनरल परमजीत सिंह (डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, स्ट्रेटेजी) ने पाकिस्तान के मेजर जनरल नौमान जकारिया के साथ 22 फरवरी को बात की थी। दोनों के बीच 2003 के सीजफायर एग्रीमेंट के पालन पर सहमति बनी।

LOC पर हलचल के लिहाज से देखा जाए तो साल 2020 में पाकिस्तान ने 5133 बार सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन बावजूद इसके अब भारत-पाक के बीच शांति बहाल करने की कोशिशें फिर से शुरू हो गई हैं। गुरुवार को जारी ज्वाइंट स्टेटमेंट में जहां पाक ने कहा कि एलओसी और आसपास के सीमा क्षेत्र में सीजफायर से जुड़े सभी समझौते का पालन वह करेगा तो भारत ने भी आतंक और वार्ता साथ-साथ नहीं की जिद छोड़कर पाक के साथ शांति बहाल करने पर सहमति जताई है। पिछले आठ साल में यह पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाओं ने कोई साझा बयान जारी किया है। आखिरी बार दोनों सेनाओं ने 2013 में कोई ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया था।
22 फरवरी को भारत-पाक के डीजीएमओ में हुई थी वार्ता
ध्यान रहे कि भारत के डीजीएमओ ले. जनरल परमजीत सिंह (डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, स्ट्रेटेजी) ने पाकिस्तान के मेजर जनरल नौमान जकारिया के साथ 22 फरवरी को बात की थी। दोनों के बीच 2003 के सीजफायर एग्रीमेंट के पालन पर सहमति बनी। हालांकि, इस सीजफायर को लेकर पाक ने कभी भी लिखित में कोई आश्वासन नहीं दिया था, लेकिन 26 नवंबर 2003 के समझौते के मुताबिक, पाक ने एलओसी पर शांति बहाली का वादा किया था। भारत ने भी इस पर अपनी सहमति जताई थी। अलबत्ता 2009 के बाद से पाक अपने वादे से पलट गया और सीजफायर के उल्लंघन का काम लगातार करने लगा। पाक ने कई बार सीजफायर को तोड़कर सीमा पर गोलीबारी की।

सीमा पर सेना कम नहीं करेगा भारत
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक अधिकारी ने कहा कि भारत सीमा पर चौकसी बरतते हुए समझौते पर काम करेगा। उनका कहना है कि इसमें सीमा पर सेना कम करने का कोई जिक्र नहीं है। गुरुवार को सामने आए स्टेटमेंट के मुताबिक, भारत-पाक के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन पर बात हुई। दोनों ने एलओसी और सीमा के आसपास के क्षेत्र को लेकर बेबाक लहजे में वार्ता की। दोनों ने उन सभी पहलुओं पर चर्चा की जिनसे शांति बाधित होती है। दोनों ने माना कि विवाद को सुलझाने के लिए वो हॉटलाइन के साथ फ्लैग मीटिंग्स को जरिया बनाएंगे। भारत का कहना है कि आतंकवाद और सीमा पर घुसपैठ के खिलाफ पहले की तरह से ऑपरेशन होते रहेंगे।

पाक गोलाबारी से सीमा पर रहने वाले लोग थे परेशान
अधिकारी ने कहा कि अगर पाक की तरफ से पहले की तरफ से आतंकवाद को प्रश्रय दिया जाता रहा तो भारत अपना एक्शन लेगा। उनका कहना है कि सीमा पर रहने वाले लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए भारत ने समझौते पर रजामंदी दी है। अक्सर पाक की तरफ से होने वाली गोलाबारी के चलते स्थानीय लोगों को खामियाजा उठाना पड़ता है। उनका यह भी कहना था कि भारत अच्छी तरह से वाकिफ है कि पाक ने पहले किस तरह से वादाखिलाफी की है।
विदेश मंत्रालय ने कहा-आतंकवाद पर हमारा स्टैंड पहले की तरह
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ नॉर्मल रिश्ते कायम करना चाहता है। उनका कहना था कि शांति कायम करने के मामले में भारत कोताही नहीं बरतेगा। लेकिन हमारा स्टैंड पहले की तरह से है कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते। उनका कहना है कि हम सीमा पर पहले की तरह से चौकसी करते रहेंगे। उसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स करेगी अपना काम
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से जुडे़ एक सवाल पर उनका कहना था कि टास्क फोर्स का फैसला करने का अपना एक तरीका है। खास बात है कि डीजीएमओ लेवल की वार्ता के बाद दोनों देशों के संबंधों में बदलाव की एक झलक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की बातों में साफ तौर पर दिखाई दी। ध्यान रहे कि पहले भारत का इस मामले में रवैया काफी अड़ियल दिखा है। भारत ने कई बार पाक को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। भारत ने कई बार पाक को इस बारे में नसीहत दी है।