सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक एडवोकेट ने सीजेआई को चीफ कहा तो जस्टिस एमआर शाह गुस्से में आ गए। उन्होंने वकील को हिदायत देकर कहा कि वो सही से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का नाम लें। कुछ देर के लिए कोर्ट रूम में जस्टिस के तेवर देखकर वकील भी हक्के बक्के रह गए।
दरअसल एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने वकील से पूछा कि आपने ये मैटर किसके सामने मेंशन किया था। एडवोकेट का जवाब था कि उन्होंने ये मामला चीफ (सीजेआई) के सामने रखा था। जस्टिस शाह ने फिर से पूछा कि आपने किसके सामने मामला रखा था। वकील ने कहा ऑनरेबल चीफ जस्टिस। जस्टिस एमआर शाह गुस्से में आ गए। वो बोले कि आप बार बार चीफ-चीफ क्यों कह रहे हैं। उनका कहना था कि Don’t be so cheap। उसके बाद वकील के होश उड़ गए। उन्होंने जस्टिस शाह से अपनी गलती की माफी मांगी। फिर मामले की सुनवाई आगे बढ़ी।
सीजेआई ने अपनी कोर्ट से बार प्रधान को कर दिया था बाहर
ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में मौजूद एक जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रधान विकास सिंह सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में तारीख को लेकर अड़े। उन्होंने सीजेआई के घर तक जाने की बात कही तो डीवाई चंद्रचूड़ का पारा चढ़ गया। उन्होंने विकास सिंह को लगभग चीखते हुए अपनी कोर्ट से बाहर जाने को कहा।
ये वाकया काफी सुर्खियों में रहा था। दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से सीजेआई से माफी भी मांगी। लेकिन SCBA को उनका ये रवैया रास नहीं आया। बार ने उनको नोटिस जारी करके पूछा कि जिस मामले की जानकारी उन्हें नहीं थी उसके लिए वो सीजेआई से माफी मांगकर क्यों आए।
सिब्बल ने माफी मांगी तो SCBA ने जारी कर दिया नोटिस
इन वाकयों से साफ है कि जूडिशरी और बार के बीच कटुता काफी ज्यादा बढ़ गई है। होली पर हुए समारोह में SCBA ने सीजेआई को निमंत्रण दिया था। लेकिन वो वहां नहीं गए। उन्होंने उस कार्यक्रम से किनारा कर लिया। जबकि इससे पहले सीजेआई बार के कार्यक्रमों में शरीक होते रहे हैं।
कपिल सिब्बल को दिए नोटिस से साफ दिख रहा है कि बार भी सीजेआई से पंगा लेने में पीछे नहीं हट रही है। SCBA के 200 से ज्यादा वकीलों की मांग पर बार ने कपिल सिब्बल को नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया है। ये मामला अब एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में रखा जाएगा।