जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र में अस्थायी रूप से 213 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है, जिनकी क्षमता 1191 आंकी गई है। इसके साथ ही नगरपालिका जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 491 कक्षों को चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 2205 है। जोशीमठ में 75 मकानों पर लाल निशान लगाए गए हैं।
ज्योतिष पीठ का किया जा सकता है विस्थापन : शंकराचार्य
जोशीमठ में आदि जगतगुरु शंकराचार्य ने तपस्या कर दिव्य ज्योति प्राप्त की थी। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिष पीठ और नरसिंह भवन में दरारें आ गई हैं ज्योतिष पीठ के मौजूदा शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो ज्योतिष पीठ का अन्य सुरक्षित जगह में विस्थापन किया जा सकता है। शंकराचार्य सरस्वती तीन दिन के लिए जोशीमठ गए थे।
एक हजार साल पहले कत्यूरी राजा ने पलायन किया था जोशीमठ से
सातवीं शताब्दी में कत्यूरी राज घराने ने जोशीमठ को गढ़वाल की राजधानी बनाया था। कत्यूरी राजाओं ने यहां पर कई सालों तक राज किया था और लगभग एक हजार साल पहले जोशीमठ में जबरदस्त भूस्खलन हुआ था। कई लोगों की मौत हुई थी और पूरा शहर जमींदोज हो गया था। तब कत्यूरी राजा वासुदेव ने जोशीमठ से पलायन कर अपनी राजधानी कुमाऊं के बेजधाम बागेश्वर बनाई थी।